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भारतीय राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने वैक्सीन के विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को पूरा किया

नयी दिल्ली।  भारत में वैक्सीन निर्माण प्रक्रिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों को पूरा कर लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां बताया कि केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), भारतीय राष्ट्रीय विनियामक प्राधिकरण (एनआरए) और संबद्ध संस्थानों के साथ मिलकर वैक्सीन विनिर्माण प्रणाली के लिए डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा किया गया है। सितंबर में जिनेवा में डब्ल्यूएचओ मुख्यालय में विभिन्न देशों के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का एक दल ने भारत की वैक्सीन विनियामक प्रणाली की व्यापक और गहन वैज्ञानिक समीक्षा के बाद इसे स्वीकार किया है। वैक्सीन के मूल्यांकन के लिए सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता तीन बुनियादी मापदंड हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन ने डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर इस उपलब्धि के लिए प्रयास किए हैं। भारत दुनिया भर में दवा उद्योग में प्रमुख में से एक है और अपनी सस्ती वैक्सीन और जेनेरिक दवाओं के लिए जाना जाता है। भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ऑफ्रिन ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन संबंधित देशों को उनकी नियामक प्रणालियों को मजबूत करने में सहायता करने और गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित, प्रभावकारी और किफायती चिकित्सा उत्पादों और स्वास्थ्य उत्पादों तक समान पहुँच को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन में औषधि महानियंत्रक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने कहा कि एक बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और पीएएचओ को कई वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार भारत 36 प्रमुख वैक्सीन निर्माण संयंत्रों के साथ एक प्रमुख वैक्सीन उत्पादक है। इन वैक्सीनों का उपयोग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 150 देश करते हैं।