भारत ने वैश्विक कौशल सर्वेक्षण पर जोर दिया
नयी दिल्ली। भारत ने जी-20 के रोजगार कार्य समूह की बैठक में ग्लोबल स्किल मैपिंग- वैश्विक कौशल सर्वेक्षण पर बल देते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रम गतिशीलता के लिए एक प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां बताया कि ब्राजील की राजधानी ब्राज़ीलिया में रोजगार कार्य समूह की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए भारत ने वैश्विक कौशल सर्वेक्षण पर बल दिया है। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय श्रम एवं रोजगार सचिव सुमिता दावरा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से प्रतीक्षित वैश्विक कौशल सामंजस्य की प्राप्ति की दिशा में पहला कदम आईएलओ और ओईसीडी ने वैश्विक कौशल सर्वेक्षण की व्यवहार्यता अध्ययन के संदर्भ की शर्तों (टीओआर) का मसौदा तैयार करने के साथ उठाया गया है। दो साल तक चलने वाले व्यवहार्यता अध्ययन में आईटी, देखभाल और पर्यावरण के अनुकूल क्षेत्रों सहित चुनिंदा क्षेत्रों में एक प्रायोगिक परियोजना भी शामिल होगी।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वैश्विक कौशल अंतराल के मानचित्रण के लिए संबंधित राष्ट्रीय सर्वेक्षणों में बुनियादी और विस्तारित संकेतकों को शामिल करने के लिए 2023 में भारतीय अध्यक्षता में जी- 20 ईडब्ल्यूजी के संकल्प की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। भारतीय प्रतिनिधि मंडल में शामिल संयुक्त सचिव रूपेश ठाकुर ने कहा कि वैश्विक कौशल सर्वेक्षण जी- 20 देशों और विश्व की प्रत्याशित तत्काल, मध्यम और दीर्घकालिक कौशल आवश्यकताओं को पूरा करेगा। यह जी- 20 देशों, विशेषकर भारत और ब्राजील जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसरों का द्वार खोलेगा।