सामरिक साझेदारी के लिए रोड़मैप बनायेंगे भारत और साइप्रस: मोदी
निकोसिया। भारत और साइप्रस अपनी साझेदारी को सामरिक स्तर तक ले जाने के लिए अगले पांच वर्षों का रोडमैप बनायेंगे जिसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग कार्यक्रम और साइबर तथा सुमुद्री क्षेत्र में सुरक्षा पर वार्ता भी शामिल होगी। साइप्रस की यात्रा पर आये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में समर्थन के लिए साइप्रस के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
दो दशक से भी लंबे अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह आपसी संबंधों में एक नया अध्याय लिखने का अवसर है। दोनों देश साझेदारी को सामरिक दायरे तक बढाने के लिए पांच वर्षों का रोड़ मैप तैयार करेंगे। श्री मोदी ने कहा , “ अपनी साझेदारी को स्ट्रेटेजिक दिशा देने के लिए हम अगले पाँच वर्षों के लिए एक ठोस रोडमैप बनायेंगे। रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूती देने के लिए द्विपक्षीय रक्षा सहयोग कार्यक्रम के तहत रक्षा उद्योग पर बल दिया जायेगा। साइबर और मैरीटाइम सिक्योरिटी पर अलग से वार्ता शुरू की जायेगी।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के विरूद्ध भारत की लड़ाई को समर्थन देने के लिए साइप्रस के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा,“ क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म के विरुद्ध भारत की लड़ाई में साइप्रस के सतत समर्थन के हम आभारी हैं। आतंकवाद, ड्रग और हथियारों की तस्करी की रोकथाम के लिए, हमारी एजेंसीज के बीच जल्द से जल्द सूचनाओं के आदान प्रदान का मैकेनिज्म तैयार किया जायेगा। श्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधारों को लेकर भी भारत और साइप्रस के विचार एक समान हैं। उन्होंने कहा , “ संयुक्त राष्ट्र को समकालीन बनाने के लिए जरूरी सुधार को लेकर हमारे विचारों में समानता है। साइप्रस द्वारा सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए हम आभारी हैं। भूमध्यसागरीय क्षेत्र के साथ संपर्क बढ़ाने पर भी हमने बात की। हम सहमत हैं कि भारत – मध्य एशिया -यूरोप आर्थिक गलियारे से क्षेत्र में शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
प्रधानमंत्री ने उन्हें साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किये जाने को भारत और साइप्रस की अटूट मित्रता करार दिया। उन्होंने कहा , “ कल, जब से मैंने साइप्रस की धरती पर कदम रखा है, राष्ट्रपति जी और यहाँ के लोगों ने जो अपनापन और स्नेह दिखाया, वह सीधे दिल को छू गया। मुझे साइप्रस के इतने बड़े सम्मान से अलंकृत किया गया। यह सम्मान केवल मेरा नहीं, 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और साइप्रस की अटूट मित्रता की मोहर है। इसके लिए मैं एक बार फिर आभार व्यक्त करता हूँ। श्री मोदी आज ही साइप्रस से कनाड़ा रवाना होंगे जहां वह जी -7 देशों की शिखर बैठक में भाग लेंगे। इसके बाद वह क्रोएशिया की यात्रा पर जायेंगे।