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इमरान ने अपने बयान पर खेद जताया

इस्लामाबाद।  पाकिस्तान में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री की ओर से अपने बयान पर खेद जताने के बाद गुरुवार को उनके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह , न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी, न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब, न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी और न्यायमूर्ति बाबर सत्तार की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद यह फैसला दिया। खान ने अपना बयान रिकॉर्ड में रखने की अनुमति मांगते हुए पीठ से कहा कि उन्हें पिछली सुनवाई में बोलने की अनुमति नहीं दी गयी थी। उन्होंने न्यायालय से कहा “ यदि न्यायालय को लगता है कि मैंने हद पार कर दी है तो मैं महिला न्यायाधीश से खेद व्यक्त करना चाहूंगा। वास्तव मेंं मेरा इरादा उन्हें धमकाना नहीं था। यदि न्यायालय चाहे तो मैं व्यक्तिगत रूप से उनके पास जाने और माफी मांगने के लिए तैयार हूं। मैं भरोसा दिलाता हूं कि भविष्य में ऐसा कुछ नहीं करुंगा , जिससे न्यायाधीश अथवा न्यायालय को ठेस पहुंचे। समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पीठ ने कहा कि अदालत श्री खान के बयान को रिकार्ड करेगी और उनसे इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने को कहेगी। पीठ ने कहा “ यह आपका निजी फैसला है कि आप महिला न्यायाधीश के पास जाकर माफी मांगते हैं। अगर आपने अपनी गलती महसूस की है और माफी मांगने को तैयार हैं तो यही काफी है। गौरतलब है कि देशद्रोह के एक मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी ने पीटीआई नेता शाहबाज गिल को रिमांड पर लेने की मंजूरी दी थी जिससे खफा श्री खान ने इस्लामाबाद में एक सार्वजनिक सभा में न्यायाधीश के खिलाफ टिप्पणी की थी। पिछली सुनवाई में, अदालत ने इस मामले में पूर्व प्रधान मंत्री की प्रतिक्रिया को ‘असंतोषजनक’ करार दिया था और गुरुवार को उन पर आरोप लगाने का फैसला किया था। मामले की सुनवाई तीन अक्टूबर तक स्थगित कर दी गयी है और पीटीआई प्रमुख को एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने काे कहा गया है।

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