हिंदी साहित्यक वेबसाइट हिन्दवी ने पूरे किए दो वर्ष
नयी दिल्ली । ‘हिन्दवी’ साहित्यिक वेबसाइट के दो वर्ष पूरा होने पर इसकी परिचालक संस्था रेख़्ता फ़ाउंडेशन के संस्थापक, संजीव सराफ़ ने कहा है कि दो वर्ष के अल्पकाल में इस वेबसाइट पर इस समय 10,000 से अधिक कविताएं, 1200 पद, 1800 दोहे और लगभग 400 से अधिक लोकगीत उपलब्ध हैं। सराफ़ शनिवार को यहां साहित्य अकादमी में इस डिजिटल साहित्यिक प्लेटफार्म की दूसरी वर्षगांठ पर आयोजित हिन्दवी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदी काव्य-परंपरा के सभी प्रमुख कवियों और अलक्षित कवियों सहित 900 से अधिक नए-पुराने कवियों की इन रचनाओं के साथ साथ यह साहित्यक वेबसाइट लगातार समृद्ध हो रही है। उन्होंने कहा, “ हिंदी वह भाषा है जो विविध भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ती है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन के इस उपक्रम का उद्देश्य हिंदी भाषा, साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देना है। वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी इस आयोजन में मुख्य अतिथि थे।
‘हिन्दवी उत्सव’ के उद्घाटन के बाद आयोजन में एक पैनल चर्चा ‘रचना में नया क्या’ और कविता-संध्या आयोजित की गयी जिसके माध्यम से लोग हिंदी-प्रेमी, हिंदी के महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों से रू-ब-रू हुए। हिन्दवी.ओआरजी का लोकार्पण कोरोना काल में 2020 में 31 जुलाई को प्रेमचंद-जयंती पर नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने किया था। इसका इस उद्देश्य से किया गया कि हिंदी साहित्य सुंदरतम, व्यवस्थित और प्रामाणिक रूप में भावी पीढ़ी के लिए सुलभ हो। ‘हिन्दवी उत्सव’ के दो सत्रों —’रचना में नया क्या’ और दूसरा ‘कविता-संध्या’में नरेश सक्सेना, अशोक वाजपेयी, आलोकधन्वा, दिनेश कुमार शुक्ल, शुभा, श्यौराज सिंह बेचैन, गगन गिल, सविता सिंह, धीरेंद्र नाथ तिवारी, गरिमा श्रीवास्तव, व्योमेश शुक्ल और सुदीप्ति शामिल हुए । रेख़्ता फ़ाउंडेशन की शुरूआत उद्योगपति संजीव सराफ़ द्वारा वर्ष 2012 में की गई। रेख़्ता फ़ाउंडेशन संचालित चर्चित उर्दू वेबसाइट है जिसपर हजारों गजल, शयरी , नज़्में ऑडियो, वीडियो और एक लाख से अधिक ई-पुस्तकें और पत्रिकाएँ भी मौजूद हैं।