सहकारिता को अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बना रही है सरकार: शाह
नयी दिल्ली। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार सहकारिता क्षेत्र को अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनाकर देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है। श्री शाह ने गुरूवार को यहां विज्ञान भवन में राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सहकारिता क्षेत्र आज की ज़रूरतों के अनुकूल अपने आप को मज़बूत करके एक बार फिर सबका विश्वास अर्जित करे। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में पूरा सहकारिता आंदोलन एक ही रास्ते पर चले इसके लिए सभी राज्यों को इस बारे में अपने साझा विचार तय करने होंगे। सहकारिता को मज़बूत करने के लिए पैक्स को मज़बूत करने पर जोर देते हुए उन्होंने राज्यों से कहा , “ हम सबको मिलकर सहकारिता क्षेत्र में टीम इंडिया का भाव जागृत करना होगा और बिना किसी राजनीति के एक ट्रस्टी की भूमिका में अपने-अपने राज्य में सहकारिता क्षेत्र को मज़बूत करने और इसके विकास के लिए आगे बढ़ना होगा। ” उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि अगले सौ साल में सहकारिता अनिवार्य रूप में भारतीय अर्थतंत्र का हिस्सा बने और प्रधानमंत्री के 50 खरब डॉलर अर्थव्यवस्था के स्वप्न में सहकारिता का बहुत बड़ा योगदान हो जिससे करोड़ों गरीब लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सके।
सहकारिता मंत्री ने कहा , “ इस क्षेत्र में हमें नीतिगत एक वाक्यता को अपनाना होगा। हर राज्य का सहकारी विभाग एक ही मार्ग पर और एक ही विषय को लेकर चले। हमारा प्रयास होना चाहिए कि देश के हर राज्य में सहकारिता आंदोलन एक समान रूप से चले। जिन राज्यों में गतिविधियां मंद या बंद हैं, वहां हमें इनमें तेज़ी लाने का प्रयास करना चाहिए और इसके लिए हमें एक नई सहकारी नीति की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सर्वांगीण विकास पर विचार करने के लिए सहकारी नीति को तैयार करने के लिए एक समिति बनाई गई है जिसमें सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व है और सहकारिता क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। पैक्स को बहुद्देशीय बनाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यह आज की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, “ कई नए आयाम जो इन मॉडल बाइलॉज के माध्यम से हम जोड़ना चाहते हैं, उसमें पारदर्शिता, रिस्पांसिबिलिटी और गतिशीलता का भी प्रोविजन है। अभी लगभग 65000 पैक्स क्रियान्वयन में हैं और हमने तय किया है कि तीन लाख नए पैक्स हम 5 साल में बनाएंगे। इस तरह लगभग 2,25,000 पैक्स के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य हमने रखा है। श्री शाह ने कहा , “ पैक्स के कंप्यूटराइजेशन के साथ-साथ मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव के कानून में हम बहुत बड़े बदलाव लाने जा रहे हैं। मॉडल बायलॉज भी ला रहे हैं, राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय बना रहे हैं, राष्ट्रीय सहकारी डाटा बैंक बना रहे हैं, एक एक्सपोर्ट हाउस भी बना रहे हैं, ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर प्रोडक्ट को बेचने के लिए एक मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी बना रहे हैं और बीज उत्पादन के लिए भी हम एक कोऑपरेटिव बनाने जा रहे हैं। सम्मेलन में सहकारिता राज्यमंत्री बी एल वर्मा , 21 राज्यों के सहकारिता मंत्री तथा दो केन्द्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपालों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।