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फील्ड आउटरीच ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,‘शारीरिक दूरी बनाएं, मानसिक दूरी नहीं’

झांसी

“कोरोना का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव” पर एक वेबिनार का आयोजन

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड आउटरीच ब्यूरो की झाँसी इकाई द्वारा “कोरोना का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव” पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। आरओबी लखनऊ के संयुक्त निदेशक सुनील कुमार शुक्ल ने बताया कि हमें कोरोना तथा मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी रखनी है। विभिन्न माध्यमों से जनता को सही जानकारी देने का प्रयत्न कर रही है. किसी भी रोगी या रोग से ठीक हुए व्यक्ति के साथ कोई भेदभाव करना उचित नहीं है। एसपीएम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय मनोविज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र प्रताप यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना महामारी के कारन उत्पन्न मानसिक स्वास्थ्य सबंधी समस्याओं के प्रभाव सभी पर अलग अलग प्रकार से पड़ सकता है. उन्होंने रोजगार तथा कामकाज को चलायमान रखने के लिए सरकार द्वारा किये गए उपायों की प्रशंसा की।

भारती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफ़ेसर डॉ नितिन वर्मा ने बताया कि कोविड बीमारी के दौर में सूचना का अत्यधिक प्रचार- प्रसार भय का कारक भी है। आजकल दिन-रात कोरोना पर ही चर्चा की जा रही है,  मानसिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. भारत में रिकवरी रेट बेहतर है,  अतः हमें सकारात्मक रुख अपनाना ज़रूरी है।  उन्होंने जानकारी हुए बताया कि लगातार तनावग्रस्त होना अवसाद में परिवर्तित हो सकता है. कोरोना के कारण मानसिक दूरी न बनने दें। काउंसिलिंग विशेषज्ञ तथा एसपीएम कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफ़ेसर नमिता तायल ने वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूर्व में भी मानव समुदाय ने एकजुट होकर महामारियों का सामना किया है और सफलतापूर्वक विजय प्राप्त की है। शारीरिक गतिविधियों में कमी आने से मोटापा, अकेलापन तथा अवसाद के खतरे में वृद्धि हुई है अतः हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए जीवन शैली में बदलाव लाना होगा। मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर आदि का प्रयोग सामान्य रूप में किया जाना चाहिए।

डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के मनोविज्ञान विभाग के डॉ संजय कुमार ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य जीवन का महत्वपूर्ण अंग है. तनाव, अवसाद आदि का सामना कर रहे लोगों को तुरंत मानसिक सहायता की आवश्यकता पड़ती है। कोरोना वारियर कर्मवीर त्रिपाठी ने अपने अनुभवों के साझा करते हुए बताया कि इस दौर में आर्थिक कारणों तथा सामाजिक संपर्कों में हुई कमी से मानसिक तनाव में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम तथा पुलिस विभाग ने सबकी सहायता करते हुए जनता के मनोबल में वृद्धि करने का सफल प्रयास किया है. वेबिनार का संचालन फील्ड आउटरीच ब्यूरो की झाँसी इकाई के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी विवेकानंद द्वारा किया गया.

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