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साइबर सुरक्षा पुख्ता करने के लिए अभ्यास

नयी दिल्ली।  राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय ने देश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साइबर स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को यहां सरकारी संगठनों और निजी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास ‘भारत एनसीएक्स 2023’ के दूसरे संस्करण का आयोजन किया। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय द्वारा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित इस अभ्यास का प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद ने उद्घाटन किया। उनके साथ राष्ट्रीय उप सुरक्षा सलाहकार राजिंदर खन्ना और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल एमयू नायर भी थे। यह अभ्यास सरकारी तथा महत्वपूर्ण क्षेत्र के संगठनों के वरिष्ठ प्रबंधन और सार्वजनिक एवं निजी एजेंसियों के तकनीकी कर्मियों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बारह दिन के इस हाइब्रिड अभ्यास में समकालीन साइबर खतरों , साइबर घटनाओं और प्रतिक्रिया से निपटने पर बल दिया जाएगा।

यह अभ्यास सरकारी एजेंसियों, सार्वजनिक संगठनों और निजी क्षेत्र के विभिन्न समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 300 से अधिक प्रतिभागियों को एक एकीकृत मंच प्रदान करता है। प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्रों, लाइव फायर और रणनीतिक अभ्यासों के माध्यम से बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण सूचना मिलेगी। प्रतिभागियों को विभिन्न प्रमुख साइबर सुरक्षा क्षेत्रों जैसे घुसपैठ का पता लगाने की तकनीक, मैलवेयर सूचना प्लेटफ़ॉर्म , नेटवर्क प्रोटोकॉल , डेटा प्रवाह और डिजिटल फोरेंसिक आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

भारत एनसीएक्स साइबर खतरों को बेहतर ढंग से समझने, तैयारी का आकलन करने , साइबर संकट प्रबंधन और सहयोग के लिए कौशल विकसित करने में मदद करेगा। इससे साइबर सुरक्षा कौशल, टीम वर्क, योजना, संचार, विश्लेषण और निर्णय लेने की प्रक्रिया के विकास तथा परीक्षण में भी मदद मिलेगी। डॉ सूद ने इस मौके पर अपने संबोधन में साइबर कार्यबल को कुशल बनाने के महत्व पर जोर दिया, जिससे उपस्थित लोगों को साइबर योद्धाओं की अजेय सेना में शामिल होने की प्रेरणा मिली। उन्होंने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए निरंतर सीखने और विशेषज्ञता हासिल करने पर जोर दिया गया। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल एम यू नायर ने देश के साइबर डोमेन का रणनीतिक पक्ष पेश किया। उन्होंने डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा में सतर्कता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए साइबर खतरों के उभरते परिदृश्य पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम से इतर राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के निदेशक कर्नल निधीश भटनागर ने साइबर सुरक्षा के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने साइबर-सुरक्षा सुनिश्चित करने में नयी पहलों, विशेष रूप से व्यापक डिजिटलीकरण और बढते खतरे के संबंध में प्रकाश डाला। इसके अलावा उन्होंने साइबर सुरक्षा कार्यबल विकास की दिशा में कदम उठाने की भी वकालत की। अभ्यास के तहत भारतीय साइबर सुरक्षा स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम आकार के उद्यमों के नवाचार और लचीलेपन पर एक विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी में अत्याधुनिक समाधानों और प्रौद्योगिकियों पर प्रकाश डाला गया है जो साइबर सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित कर रही है।

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