‘पूर्वी यूक्रेन में फंसे लोगों को निकालने के प्रयास शुरू’
नयी दिल्ली,
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों एवं नागरिकाें को निकालने के लिए शुरू किये गये ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक एक हजार से अधिक छात्र स्वदेश लौट चुके हैं और सरकार ने पूर्वी यूक्रेन में फंसे लोगों को माल्दोवा एवं रूस के रास्ते भी निकालने के प्रयास शुरू कर दिये हैं। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने स्वयं आज रूस एवं यूक्रेन के राजदूतों से मुलाकात करके वहां फंसे भारतीय नागरिकों एवं छात्रों की सुरक्षित निकासी को लेकर बात की है और दोनों राजदूतों ने इस बारे में अपने-अपने देश की ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है। विदेश सचिव ने बताया कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय रेडक्राॅस एवं अन्य संगठनों से भी मदद का अनुरोध किया है। श्रृंगला ने कहा, “हमारे लिए भारत के हर नागरिक की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम सभी को सुरक्षित निकाल लाएंगे।” उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात इस प्रकार के हैं कि पोलैंड की सीमा पर लाखों लोगों की भीड़ जमा है और वहां हजारों की संख्या में भारतीय छात्रों को परेशानी हो रही है। ऐसे में भारतीय छात्रों को सलाह दी गयी है कि वे उझारोड पहुंच जाएं और वहां से हंगरी की राजधानी वुडापेस्ट के लिए हर दो घंटे पर एक ट्रेन जाती है। सात-आठ घंटे की यात्रा के बाद उन्हें वुडापेस्ट से हवाईमार्ग से स्वदेश लाया जाएगा।
यूक्रेन के पूर्वी भाग खासकर खारकीव एवं सूमी में फंसे नागरिकों के बारे में विदेश सचिव ने कहा कि भारतीय दूतावास इन इलाकों में फंसे भारतीय छात्रों एवं नागरिकों के संपर्क में है। उनके लिए भोजन पानी की भी व्यवस्था की गयी है। चूंकि ये इलाके युद्धग्रस्त हैं इसलिए भारतीय लोगों को कहीं आने जाने की बजाए फिलहाल सुरक्षित स्थानों पर ही रहने की सलाह दी गयी है। इसबीच मास्को स्थित भारतीय दूतावास के फर्स्ट सेक्रेटरी स्तर के वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम को यूक्रेन की सीमा पर भेजा गया है। अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस से भी बात हुई है। इस बात की संभावना तलाशी जा रही है कि पूर्वी यूक्रेन में फंसे लोगों को रेडक्रॉस के एस्कॉर्ट के साथ रूस में ले आयें जहां से उन्हें स्वदेश लाया जा सके। श्रृंगला ने कहा कि अब तक चार उड़ानों से एक हजार से अधिक छात्र स्वदेश लौट चुके हैं और तथा करीब एक दर्जन अन्य उड़ानों का कार्यक्रम भी तय हो गया है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगले दो तीन दिनों से यूक्रेन से तकरीबन सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित बाहर निकाल लिये जाएंगे और कुछ दिनों में उन्हें स्वदेश पहुंचा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यूक्रेन से रोमानिया, हंगरी, पोलैंड एवं स्लोवाकिया की सीमा पर आठ बिन्दुओं पर रूसी भाषा बोलने वाले भारतीय अधिकारियों की तैनाती की गयी है जो स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय करके भारतीय छात्रों की मदद कर रहे हैं। इसबीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने माल्दोवा के विदेश मंत्री से भी टेलीफोन पर बात करके भारतीय छात्रों एवं अन्य नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने में मदद का अनुरोध किया जिस पर उन्होंने सहमति दे दी है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर ज़ेलेन्स्की से बात करके यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए मदद का अनुरोध किया था जिस पर दोनों राष्ट्रपतियों ने सहयोग का आश्वासन दिया था। विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने भी पोलैंड, रोमानिया, हंगरी एवं स्लोवाकिया के विदेश मंत्रियों से टेलीफोन करके सहयोग मांगा था। इसके बाद से ही यूक्रेन की सड़कों पर मौजूद रूसी सैनिक भारतीय छात्रों को लेकर जाने वाली बसों एवं अन्य वाहनों को सुरक्षित रास्ता दे रहे हैं।