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ईसीपी ने इमरान की गिरफ्तारी वारंट को ‘कुछ समय के लिए’ टाला

इस्लामाबाद।  पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने अवमानना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान के गिरफ्तारी वारंट को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है और उन्हें इस आरोप का सामना करने के लिए दो अगस्त को आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। आयोग ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस मामले में 25 जुलाई की सुनवाई के एक लिखित आदेश की प्रति डॉनडॉटकॉम के पास उपलब्ध है। ईसीपी ने कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री के लिए पहले जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट को निलंबित कर रहा है। आयोग ने कहा कि इस मामले के संबंध में चुनावी निगरानी के समक्ष  खान की उपस्थिति के आलोक में यह निर्णय लिया गया।

खान के खिलाफ यह मामला पिछले साल अगस्त में पहली बार शुरू हुआ उसके बाद 25 जुलाई को वह चुनावी निगरानी के समक्ष पेश हुए हैं। उनके पेश हाेने के एक दिन पहले ईसीपी ने इस्लामाबाद पुलिस को श्री खान को गिरफ्तार करने और उन्हें चुनावी निगरानी के समक्ष पेश करने को कहा गया था। ईसीपी ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनावी निगरानीकर्ता के खिलाफ कथित तौर पर ‘असंयमित’ भाषा का इस्तेमाल करने के लिए पिछले साल पीटीआई प्रमुख, पार्टी नेता असद उमर और पूर्व सूचना मंत्री चौधरी के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की थी। , ईसीपी के सामने पेश होने के बजाय तीनों नेताओं ने आयोग के नोटिस और विभिन्न उच्च न्यायालयों में अवमानना कार्यवाही को इस आधार पर चुनौती दी थी कि चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 10 के तहत जो अवमानना के लिए दंडित करने की आयोग की शक्ति के संबंध में वैधानिक प्रावधान है।

जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने ईसीपी को श्री खान, चौधरी और उमर के खिलाफ कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी थी और 21 जून को ईसीपी ने तीनों के खिलाफ आरोप तय करने का फैसला किया था। इसके बाद 11 जुलाई को समन भेजे जाने के बावजूद तीनों आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए। इसके बाद ईसीपी ने श्री चौधरी और श्री खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए। आयोग ने हालांकि उमर के वकील की उस याचिका को स्वीकार कर लिया था जिसमें सुनवाई से छूट देने की मांग की गई थी। आयोग ने आरोप तय करने के लिए मामले काे दो अगस्त के लिए स्थगित कर दिया है।