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जोकोविच 21वां, किर्गियोस तलाशेंगे पहला ग्रैंड स्लैम

लंदन।  छह बार के विम्बलडन विजेता सर्बिया के नोवाक जोकोविच अपना सातवां खिताब जीतने के लिये रविवार को ऑस्ट्रेलिया के निक किर्गियोस का सामना करेंगे, जबकि किर्गियोस अपने पहले ग्रैंड स्लैम खिताब के लिये दावेदारी पेश करेंगे। अपना 21वां ग्रैंड स्लैम तलाश रहे जोकोविच ने सेमीफाइनल में ब्रिटेन के कैमरून नोरी को 2-6, 6-3, 6-2, 6-4 से मात दी थी, जबकि राफेल नडाल के चोटिल होने के कारण किर्गियोस को सेमीफाइनल में वॉकओवर मिल गया और वह अपने पहले ग्रैंड स्लैम फाइनल में पहुंच गये। अब फाइनल मैच में जोकोविच और किर्गियोस पहली बार विम्बलडन में एक दूसरे का सामना करेंगे। इससे पहले किर्गियोस और जोकोविच दो बार आमने-सामने आये हैं और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने दोनों बार बाज़ी मारी है, हालांकि विम्बलडन में 95 मैच खेलकर 85 जीत चुके जोकोविच का अनुभव उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाता है। जोकोविच ने फाइनल में किर्गियोस से मिलने के बारे में कहा, “एक बात तो पक्की है, कि दोनों तरफ से भावनाओं की लहर चलने वाली है। यह उनका पहला ग्रैंड स्लैम फाइनल है। वह बेहद उत्साहित हैं और उनके पास खोने के लिये बहुत कुछ नहीं है। वह इतनी आज़ादी के साथ खेल रहे हैं, उनके शॉट्स में बहुत ताकत है। हम कुछ समय से आमने-सामने नहीं आये हैं। मैं उनके खिलाफ एक सेट भी नहीं जीता हूं। उम्मीद है इस बार नतीजे अलग होंगे। उन्होंने कहा, “यह विम्बलडन में मेरा एक और फाइनल है, वह टूर्नामेंट जिसे मैं बेहद पसंद करता हूं। उम्मीद है कि मेरा अनुभव मेरे पक्ष में काम करेगा।” जोकोविच अब विम्बलडन में लगातार 27 मैच जीत चुके हैं। नौवीं सीड नोरी को हराकर वह अपने 32वें ग्रैंड स्लैम फाइनल में पहुंच गये और रोजर फेडरर (31) के सर्वाधिक फाइनल खेलने के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। सर्बियाई खिलाड़ी अब 21वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर अपने धुर प्रतिद्वंद्वी नडाल के 22 ग्रैंड स्लैम जीतने के रिकॉर्ड के करीब पहुंचना चाहेंगे।


जोकोविच ने अपनी शानदार फॉर्म को भुनाने के बारे में कहा, “मुझे पता है कि दांव पर क्या लगा है। अपने करियर के इस पड़ाव पर मेरे लिये हर मैच, हर ग्रैंड स्लैम महत्वपूर्ण है। मुझे नहीं पता कि आने वाले कुछ दिनों की तरह ट्रॉफी जीतने के लिए मेरे पास कितने ग्रैंड स्लैम अवसर होंगे। निश्चित रूप से, मैं इसे सकारात्मक दृष्टिकोण और आत्म-विश्वास और जीतने की इच्छा के साथ खेलना चाहूंगा। इसके बारे में कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा, “इस स्तर पर मेरे पास जो अनुभव है, वह फाइनल में ऐसे व्यक्ति के खिलाफ खेलने में काम आ सकता है जिसने कभी ग्रैंड स्लैम फाइनल नहीं खेला है। इसके बावजूद, हम जानते हैं कि वह (किर्गियोस) कौन है और वह कोर्ट पर किस तरह का खेल खेलते हैं। मुझे नहीं लगता कि वह ज्यादा दबाव लेने वाले हैं। दूसरी ओर, विश्व के नंबर 40 खिलाड़ी किर्गियोस अब तक जोकोविच, फेडरर, नडाल और एंडी मरे सहित चारों बड़े खिलाड़ियों को हरा चुके हैं, मगर अपने पहले ग्रैंड स्लैम फाइनल में खेलने के लिये बेहद उत्हासित हैं। एटीपी ने किर्गियोस के हवाले से कहा, “सच कहूं तो मुझे कल रात नींद नहीं आयी। मैं शायद एक घंटे की नींद ले पाया। मुझे बहुत चिंता थी, मैं पहले से ही बहुत नर्वस महसूस कर रहा था, और मैं आमतौर पर नर्वस महसूस नहीं करता। मैं बस इतना जानता हूं कि बहुत सारे लोग हैं जो चाहते हैं कि मैं अच्छा करूं और अपना सर्वश्रेष्ठ दूं, लेकिन मुझे कल रात बहुत कम नींद आई। उम्मीद है कि आज रात मुझे कुछ नींद आएगी। पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल से आगे पहुंचे किर्गियोस ने कहा, “मैं बस बेचैन था, विम्बलडन फाइनल के बारे में मेरे दिमाग में बहुत सारे विचार थे। मैं सिर्फ खेलने के बारे में सोच रहा था, जाहिर तौर पर खुद के जीतने से लेकर हारने तक हर चीज की कल्पना कर रहा था। किर्गियोस ने कहा कि उन्हें जीत और हार से फर्क नहीं पड़ता और वह इस फाइनल का हिस्सा बनकर खुश हैं। उन्होंने कहा, “रविवार को मैं जीतूं या हारूं, मुझे खुशी होगी। मुझे कभी नहीं लगा था कि मैं इतनी बड़ी उपलब्धि का हिस्सा बनूंगा। विशेष रूप से 27 साल की उम्र में, मुझे लगता था कि यह मेरे करियर का अंतिम चरण है। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था मैं यहां तक पहुंचूंगा। मैं बेहद खुश हूं, और मैं अपना पूरा प्रयास करने वाला हूं। उसके बाद जो होगा देखा जाएगा।

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