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भारतीय परमाणु संस्थाओं को प्रतिबंध सूची से बाहर करने के उपायों पर विचार- विमर्श

नयी दिल्ली।  भारत और अमेरिका ने अंतरिक्ष एवं असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में छूट देने और भारतीय परमाणु संस्थाओं को प्रतिबंध सूची से बाहर करने के उपायों पर सोमवार को विचार विमर्श किया। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के बीच आज यहां हुई एक बैठक में यह विचार मंथन किया गया। अमेरिकी एनएसए सुलिवन के साथ अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी था।

बैठक के बाद जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों एनएसए के बीच व्यापक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक एजेंडे पर व्यापक चर्चा के माध्यम से नियमित रूप से उच्च स्तरीय बातचीत हुई है। 24 मई 2022 को टोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जोसेफ बिडेन द्वारा महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों (आईसीईटी) पर भारत-अमेरिका पहल के शुभारंभ के बाद, दोनों एनएसए ने दोनों देशों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर, दूरसंचार, रक्षा और अंतरिक्ष सहित कई क्षेत्रों में ठोस पहल की है।

वक्तव्य के अनुसार वर्तमान यात्रा ने उन्हें रक्षा, साइबर और समुद्री सुरक्षा जैसे विविध क्षेत्रों सहित अपने उच्च-स्तरीय संवाद में चल रही प्रगति की समीक्षा करने का अवसर दिया। अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन ने भारतीय पक्ष को मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) के तहत अमेरिकी मिसाइल निर्यात नियंत्रण नीतियों के लिए बिडेन प्रशासन द्वारा लाए गए संशोधन के बारे में जानकारी दी, जो भारत के साथ अमेरिकी वाणिज्यिक अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ावा देगा।

बयान में कहा गया कि इसी प्रकार शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग के लिए साझा प्रतिबद्धता वाले रणनीतिक साझीदार और देशों के रूप में अमेरिका और भारत ने जो प्रगति की है – और करते रहेंगे। यह मंतव्य व्यक्त करते हुए, एनएसए सुलिवन ने भारतीय परमाणु संस्थाओं को प्रतिबंध सूची से हटाने के लिए आवश्यक कदमों को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिकी प्रयासों की घोषणा की, जो नागरिक परमाणु सहयोग और लचीली स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देगा।