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ट्रंप की शुल्क लगाने की धमकी के बावजूद ब्रिक्स में सहयोग बढ़ाएगा चीन

बीजिंग।  चीन अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी के बावजूद ब्रिक्स ढांचे के भीतर सहयोग को मजबूत करना जारी रखेगा। चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मंगलवार को यह बात कही। ट्रंप ने शनिवार को ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने अमेरिकी डॉलर की वैकल्पिक मुद्रा निर्माण करने की योजना नहीं छोड़ी तो वह 100प्रतिशत शुल्क लगा देंगे। इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नवंबर की शुरुआत में कहा था कि एकल ब्रिक्स मुद्रा निर्माण पर चर्चा करना जल्दबाजी होगी।

प्रवक्ता ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “चीन विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने एवं दीर्घकालिक और स्थिर वैश्विक आर्थिक विकास में ज्यादा योगदान देने के लिए अपने ब्रिक्स भागीदारों के साथ काम करना जारी रखने के लिए तैयार है। प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिक्स देशों ने खुलेपन, समावेशिता और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग की वकालत की है, ब्लॉक-आधारित टकराव को खारिज किया है और किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाया है।

ब्रिक्स की स्थापना 2006 में रूस, चीन, भारत और ब्राजील द्वारा एक अंतरसरकारी संघ के रूप में की गई और इसमें 2011 में दक्षिण अफ्रीका शामिल हुआ। रूस ने एक जनवरी, 2024 को इसकी अध्यक्षता ग्रहण की। वर्ष 2024 की शुरुआत में, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब आधिकारिक रूप से ब्रिक्स में शामिल हुए। हालांकि सऊदी अरब ने कथित तौर पर अपनी भागीदारी को औपचारिक रूप नहीं दिया है लेकिन ब्रिक्स बैठकों में शामिल हो रहा है। रूस की अध्यक्षता निष्पक्ष वैश्विक विकास एवं सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।