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केरल के कार्थुम्बी छातों की देश विदेश में बढ़ रही है मांग : मोदी

नयी दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत के छाते भी विशिष्ट और आकर्षक बनावट के कारण बहुराष्ट्रीय बाजार में अच्छी बिक्री कर रहे हैं और इसका ताजा नमूना केरल के कार्थुम्बी छाते हैं जो ऑनलाइन बिक्री के साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों का सफर भी तय कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में रविवार को कहा,“देश के अलग-अलग हिस्सों में मॉनसून तेजी से अपना रंग बिखेर रहा है और बारिश के इस मौसम में सबके घर में जिस चीज की खोज शुरू हो गई है, वो है ‘छाता’। ‘मन की बात’ में आज मैं आपको एक खास तरह के छातों के बारे में बताना चाहता हूँ। ये छाते तैयार होते हैं हमारे केरल में। उन्होंने कहा,“वैसे तो केरला की संस्कृति में छातों का विशेष महत्व है। छाते, वहाँ कई परंपराओं और विधि-विधान का अहम हिस्सा होते हैं लेकिन मैं जिस छाते की बात कर रहा हूँ, वो हैं ‘कार्थुम्बी छाते’ और इन्हें तैयार किया जाता है केरला के अट्टापडी में। ये रंग-बिरंगे छाते बहुत शानदार होते हैं और खासियत ये इन छातों को केरला की हमारी आदिवासी बहनें तैयार करती हैं। आज देशभर में इन छातों की मांग बढ़ रही हैं।

श्री मोदी ने कहा,“इन छतों की ऑनलाइन बिक्री भी हो रही है। इन छातों को ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसाइटी’ की देखरेख में बनाया जाता है। इस सोसाइटी का नेतृत्व हमारी नारी-शक्ति के पास है। महिलाओं के नेतृत्व में अट्टापडी के आदिवासी समुदाय ने उद्यमिता की अद्भुत मिसाल पेश की है। इस समाज ने एक बैंबू-हैंडीक्राफ्ट यूनिट की भी स्थापना की है। अब ये लोग एक रिटेल आउटलेट और एक पारंपरिक कि कैफ़े खोलने की तैयारी में भी हैं। इनका मकसद सिर्फ अपने छाते और अन्य उत्पाद बेचना ही नहीं, बल्कि ये अपनी परंपरा, अपनी संस्कृति से भी दुनिया को परिचित करा रहे हैं। आज कार्थुम्बी छाते केरला के एक छोटे से गाँव से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों तक का सफर पूरा कर रहे हैं। लोकल के लिए वोकल होने का इससे बेहतरीन उदाहरण और क्या होगा।”