नेपाल भूस्खलन, बाढ़ में मरने वालों की संख्या 100 हुई, 67 लापता
काठमांडू। नेपाल में लगातार मानसून की बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ के कारण रविवार तक नेपाल में 100 लोगों की मौत हो गयी और 67 अन्य लापता हैं। मीडिया रिपोर्टों से यह जानकारी मिली। मीडिया आउटलेट ‘हिमालयन’ ने बताया कि देश भर में देर से मानसून के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में अब तक 100 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 67 लापता बताए जा रहे हैं। इसके अलावा इस आपदा में 100 अन्य लोग घायल हुए हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, ललितपुर में 20, धाडिंग में 15, काठमांडू में 12, कावरे में 10, मकवानपुर में सात, सिंधुपालचोक में छह, सोलुखुम्बु में पांच, पंचथर में पांच और भक्तपुर में पांच लोगों की मौत हुई है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि दोलखा में तीन, सिंधुली में दो, धनकुटा में दो, महोत्तरी में दो और रामेछाप, झापा, उदयपुर, इलम, सप्तरी और नुवाकोट में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने बताया कि शुक्रवार शाम से लगातार हो रही बारिश के कारण आई आपदाओं में 74 लोग घायल हुए हैं। श्री कार्की ने बताया कि काठमांडू घाटी में 48 लोगों की मौत और 15 के घायल होने की पुष्टि हुई है और 21 लोग अभी भी लापता हैं। प्रवक्ता ने कहा, “बचाव कार्य जारी है और हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी के अनुसार बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव के लिए कुल 9 हजार 983 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है और अब तक 3 हजार 39 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण लगभग सभी प्रमुख राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, इसलिए उन्हें सुचारू करने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे। जिला पुलिस के उप प्रवक्ता प्रहलाद सिलवाल ने बताया कि शनिवार शाम को नेपाल की राजधानी काठमांडू को जोड़ने वाले त्रिभुवन राजमार्ग के साथ धाडिंग जिले के जियापल खोला में भूस्खलन में दबे दो वाहनों से 14 शव बरामद किए गए। श्री सिलवाल ने बताया कि भूस्खलन में दबी एक और यात्री बस को निकाला जा रहा है। आपदा से निपटने के लिए नेपाल के शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी स्थानीय सरकारों से रविवार से तीन दिनों के लिए स्कूलों को बंद करने का आग्रह किया और विश्वविद्यालय स्तर पर सभी परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय लिया।