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प्रवासी बच्चों को मिलने वाले लाभों से संबंधित डाटा पेश करने का ‘सुप्रीम’ निर्देश

नयी दिल्ली, 

उच्चतम न्यायालय ने राज्यों में प्रवासी बच्चों और श्रमिकों के बच्चों की संख्या के साथ-साथ उन्हें मिलने वाले लाभों से संबंधित आंकड़ा प्रदान करने का राज्य सरकारों को मंगलवार को निर्देश दिये। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने ‘चाइल्ड राइटस ट्रस्ट’ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकारों को डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

प्रवासी बच्चों को मिलने वाले लाभों से संबंधित डाटा पेश करने का 'सुप्रीम'  निर्देश
याचिका में मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19, 21, 21ए, 39 और 47 के तहत प्रवासी बच्चों और प्रवासी परिवारों के बच्चों के मौलिक अधिकारों को लागू करने की मांग की गई है। गैर सरकारी संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयना कोठारी ने पीठ से अनुरोध किया कि वह न केवल जवाब के लिए निर्देश दें, बल्कि राज्यों से प्रवासी बच्चों की संख्या प्रदान करने का अनुरोध करें, साथ ही उन्हें राज्य द्वारा दिए गए लाभों के बारे में भी बताएं। न्यायालय ने उसके बाद राज्यों को संख्या प्रदान करने के साथ-साथ उन राज्यों में बच्चों पर स्थिति रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया।

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