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अगले तीन महीने कोरोना की दृष्टि से खतरनाक, सरकार पूरी तरह से तैयार

नयी दिल्ली, 

केंद्र सरकार ने मौजूदा त्योहारी मौसम के मद्देनजर काेरोना महामारी की दृष्टि से अगले तीन महीनों को खतरनाक करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि किसी भी तरह की स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी चल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव लव कुमार और नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डा. वी के पाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में त्योहारी मौसम चल रहा है। अगले तीन महीने अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में प्रमुख त्योहार आते हैं और शादी विवाह के समारोह होते हैं। ऐसे में भीड़ एकत्र होती हैं और ऐसे कोविड का संक्रमण फैलता है। इसलिए अगले तीन महीने सतर्क रहना होगा। श्री कुमार अमेरिका, ब्रिटेन, रुस और न्यूजीलैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों में कोविड मानकों में ढील देने के कारण ही कोरोना की अगली लहर का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अ्रगले तीन महीनों के दौरान कोविड मानकाें का कड़ाई से पालन जरुरी है अन्यथा भारत में भी खतरनाक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि देश में 93 करोड़ से अधिक कोविड टीके लगाए जा चुके हैं। लगभग 71 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो चुका है। हालांकि कुछ राज्यों के कुछ हिस्सों में स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई हैं। पांच राज्यों केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मिजोरम और कर्नाटक में कोविड मरीजों की संख्या 10 हजार से अधिक है। देश में 28 जिले ऐसे हैं जहां संक्रमण सर्वाधिक हैं। उन्होंने कहा कि कोविड टीकों की उपलब्धता का मुद्दा खत्म हो चुका है। पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में टीकाकरण का औसत राष्ट्रीय औसत से कम है। इन राज्यों में टीकाकरण का दायरा बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।


डा. पाल ने कहा कि देश में टीकाकरण की रफ्तार तेज हैं और जल्दी ही लक्षित आबादी का टीकाकरण पूरा हो जाएगा और कोविड संक्रमण की दर उतार पर हैं। लेकिन त्योहारी मौसम को देखते हुए सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार हैं। देश के अस्पतालों में 8.36 लाख कोविड समर्पित बिस्तर तैयार किये गये हैं। इसके अलावा 9.69 लाख आइसोलेशन बिस्तर, 4.86 लाख ऑक्सीजन बिस्तर तथा 1.35 लाख आईसीयू बिस्तर उपलब्ध हैं। विदेशी टीकों से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए जायडस टीके की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में हैं। रुस की स्पूतनिक का उत्पादन देश में हो रहा है और निजी अस्पताल इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रुस में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है इसलिए स्पूतनिक की भारतीय आपूर्ति में कुछ देरी हो रही है।

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