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राजभवन में आनंदीबेन के समक्ष गणतंत्र दिवस पर हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की गरिमामयी उपस्थिति में गणतंत्र दिवस पर राजभवन प्रांगड में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। राजभवन के बड़ा लाॅन प्रांगण में देर शाम तक चले इस कार्यक्रम में राजभवन के अधिकारियों, कर्मचारियों और यहाँ के अध्यासितों के बच्चों के साथ-साथ नृत्य, संगीत एवं अभिनय कि शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों ने भी देश-प्रेम से ओत-प्रोत गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियाँ दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ राज्यपाल ने मटकी में जलधारा प्रवाहित कर जल संरक्षण के संदेश के साथ दिया। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी प्रतिभागी बच्चों के बेहतरीन प्रस्तुतिकरण की प्रशंसा की।

उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों से राजभवन के बच्चों द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर प्रस्तुतिकरण की परम्परा प्रारम्भ की गई थी। तब से अब तक बच्चों की प्रस्तुतियों में दक्ष कलाकार के स्तर तक बेहतर हो गई है। स्वतंत्रता सेनानियों के जुनून को लेकर कानपुर के समीप बागी सैैनिक की कहानी पर प्रस्तुत नाट्य प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि ये स्वतंत्रता सेनानियों के उस जुनून की वास्तविक प्रस्तुति है। हमें याद रखना चाहिए कि सबकी सामूहिक लड़ाई से ही ये आजादी प्राप्त हुई है। इसे बनाए रखने, देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी हमारी है। हमें भेदभाव रहित समाज बनाना है और सिर्फ देश के विकास के लिए ही प्रयास करना है।

बच्चों की सामूहिक प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने बच्चों की भेदभाव रहित निर्मल भावना की विशेष प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बच्चों में कोई ऊँच नीच नही होता। परिवार के बड़े लोग ही उन्हें ये भेदभाव सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सभी को समान अधिकार देता है। संविधान हमें समानता, सहिष्णुता, देशभक्ति और सद्भावना सिखाता है। हम सब इसी भाव को लेकर आगे बढ़ें। राज्यपाल जी ने अपने उद्बोधन में सभी को गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी की बधाई दी। इस अवसर पर राजभवन के सभी अधिकारी, कर्मचारी, उनके परिवार के सदस्य तथा अतिथिगण उपस्थित थे।

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