मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आजमगढ़ मण्डल के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आजमगढ़ मण्डल के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी कार्याें की गुणवत्ता मानकों के अनुसार हो तथा उन्हें समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। विभिन्न विभागों में निर्माण कार्यों के लिए कार्यदायी संस्थाओं की क्षमता तथा कार्य सम्पादन के आधार पर रैंकिंग की जाए। रैंकिंग के अनुरूप ही उन्हें कार्य दिए जाएं। उन्होंने कहा कि धन के अभाव में परियोजनाएं लम्बित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में हर परियोजना के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। परियोजनाओं की साप्ताहिक/पाक्षिक समीक्षा की जाए, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्धारित समय-सीमा में पूरा कराया जा सके। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की भौतिक प्रगति से अवगत कराते हुए यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजा जाए। शासन स्तर पर भी प्रकरण लम्बित न रहे और स्वीकृत धनराशि समय से निर्गत की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने सांसद व विधायकों से संवाद किया और विकास योजनाओं की प्रगति का फीडबैक लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों के साथ बेहतर समन्वय व संवाद बनाते हुए जनसमस्याओं का समाधान किया जाए। जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर समयबद्ध ढंग से निर्णय लेते हुए कार्यवाही की जाए। उन्होंने जनपद के प्रभारी मंत्रिगण द्वारा जनपद में जाकर विकास योजनाओं की समीक्षा किए जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत योजना के तहत स्वच्छ और शुद्ध पेयजल आपूर्ति की योजना चलायी जा रही है। समय से निर्णय लेते हुए योजना के कार्यों को शीघ्रता से पूरा किया जाए। ‘हर घर नल’ योजना पहले चरण में बुन्देलखण्ड, दूसरे चरण में विन्ध्य क्षेत्र तथा तीसरे चरण में आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में लागू की जा रही है। बलिया आर्सेनिक प्रभावित जनपद है। जनप्रतिनिधिगण ‘हर घर नल’ योजना के तहत जलापूर्ति व्यवस्था के सम्बन्ध में अपने प्रस्ताव उपलब्ध कराएं। उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विकास योजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए, जिससे जनता को उसका लाभ प्राप्त हो सके। खाद, यूरिया-डी0ए0पी0 के सम्बन्ध में कालाबाजारी न हो। ऐसा पाए जाने पर सम्बन्धित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। कोविड-19 के दौरान माह मंे 02 बार खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। यह वितरण पारदर्शी ढंग से हो।