स्वच्छ पर्यावरण और समावेशी विकास भारत के लिए एक प्राथमिक एजेंडा: पीयूष
नयी दिल्ली,
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है और इसके बावजूद, 2030 तक 450 गीगावाट का महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा लक्ष्य सतत विकास और सतत विकास लक्ष्यों पर संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा के प्रति प्रतिबद्ध है। श्री गोयल ने संयुक्त राष्ट्र व्यापार मंच 2021 को संबोधित करते हुए, कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम सभी बहुत चिंतित हैं और हम अपने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कोविड महामारी के बाद की दुनिया में नए सिरे से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि विकसित देशों को अपने उपभोग के तरीके पर पुनर्विचार करना चाहिए और स्थायी जीवन शैली पर ध्यान देना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वनीकरण और जैव-विविधता पर कई कदम उठाए हैं और यही कारण है कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिनके एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) दो डिग्री सेल्सियस के अनुकूल हैं। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसी वैश्विक पहलों को भी प्रोत्साहित किया है। श्री गोयल ने व्यापार नीति और हरित लक्ष्यों को अलग करने का आह्वान किया । उन्होंने कहा कि व्यापार नीति को पूरी दुनिया में अधिक समावेशी विकास की तलाश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण और समावेशी विकास भारत के लिए प्राथमिकता का एजेंडा है। उन्होंने कहा कि भारत की लंबे समय से स्थिति रही है कि पर्यावरण और स्थिरता से संबंधित उपायों को व्यापार से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।