बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत पर केंद्र दो माह में फैसला ले : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली,
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषियों में शामिल बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की दया याचिका मामले में दो महीने के अंदर कोई फैसला करे। न्यायमूर्ति यू. यू. ललित, न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट्ट और न्यायमूर्ति टी. एस. नरसिम्हा पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जेल में बंद बलवंत की दया याचिका से संबंधित यह आदेश पारित किया। पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि राजोआना की याचिका पर फैसले के दौरान बेअंत सिंह की हत्या में शामिल अन्य दोषियों की याचिकाएं आड़े नहीं आएंगी। याचिकाकर्ता बलवंत ढाई दशक से अधिक समय से जेल में बंद है।
पंजाब के सिविल सेक्रेटेरिएट ऑफिस के बाहर 31 अगस्त-1995 को हुए धमाके में बेअंत सिंह एवं 16 अन्य की मृत्यु हो गई थी। इस मामले में एक विशेष अदालत ने 2007 में पंजाब पुलिस के पूर्व सिपाही राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी। राजोआना ने मामले के लंबे समय से लंबित रहने, जेल में लंबे समय से बंद रहने के अलावा गुरु नानकदेव की 550 वीं जयंती के अवसर पर सरकार द्वारा कैदियों को रिहा करने की 2019 की घोषणा को आधार बनाते हुए दया याचिका दायर की थी। शीर्ष न्यायालय इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में करेगी।