सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के दावों का किया खंडन
नयी दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के उन दावों का खंडन किया कि एजेंसी के उप-कानूनी सलाहकार जितेंद्र कुमार ने इसलिए आत्महत्या की क्योंकि उन पर एक मजबूत झूठा मामला बनाने के लिए दबाव डाला गया था। जांच एजेंसी ने सोमवार को एक बयान में श्री सिसोदिया के बयान का खंडन किया। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित केस आरसी नंबर 53/2022 में प्राथमिकी के नामजद आरोपियों में से एक श्री मनीष सिसोदिया द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किये गये इस दावे को साफ खारिज किया कि सीबीआई में उप-कानूनी सलाहकार जितेंद्र कुमार ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उन पर दबाव डाला गया कि उनके (श्री सिसोदिया के) खिलाफ एक मजबूत झूठा मामला बनाओ। सीबीआई ने सिसोदिया के इस शरारती और भ्रामक बयान का जोरदार खंडन किया। यह स्पष्ट किया जाता है कि अधिकारी दिवंगत जितेंद्र कुमार किसी भी तरह से इस मामले की जांच से जुड़े नहीं थे। सीबीआई ने दावा किया कि वह अभियोजन के प्रभारी उप-कानूनी सलाहकार थे। वह प्रभारी कानूनी सलाहकार के रूप में ही उन अभियोजकों का पर्यवेक्षण कर रहे थे जिनकी दिल्ली में पहले से ही आरोप पत्र दाखिल किए गए मामलों पर सुनवाई चल रही थी। सीबीआई ने दावा किया है कि इसके अलावा श्री कुमार की मौत की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के अनुसार अधिकारी ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। सीबीआई ने कहा है कि आबकारी नीति मामले की जांच की जा रही है। ऐसे में किसी भी आरोपी को क्लीन चिट नहीं दी गई है। इसमें कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया का शरारती और भ्रामक बयान दिल्ली आबकारी नीति मामले में चल रही जांच से ध्यान हटाने का प्रयास है और अधिकारी की मौत के मामले में जांच की कार्रवाई में हस्तक्षेप के समान है।