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सेवानिवृत्ति न्यायाधीशों के पद स्वीकारने का मामला

नयी दिल्ली।  उच्चतम न्यायालय ने संवैधानिक अदालतों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए दो साल की विराम अवधि तय करने का निर्देश देने की मांग वाली एक जनहित याचिका बुधवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने ‘बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन’ द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की नियुक्ति को स्वीकार करने पर फैसला लेना संबंधित सेवानिवृत्त न्यायाधीश पर निर्भर है।

शीर्ष अदालत के समक्ष वकील अहमद मेहदी आब्दी ने तर्क दिया कि लोगों के मन में इस गलत धारणा को बनने से रोकने के लिए इस प्रथा को विनियमित किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने उनकी दलील खारिज कर दी, लेकिन उनसे पूछा कि क्या वह न्यायाधिकरणों में वैधानिक पदों पर सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति को चुनौती दे रहे हैं। इस पर वकील ने कहा कि याचिका राजनीतिक पद से संबंधित थी जो कार्यपालिका के विवेक पर निर्भर थी। तब पीठ ने कहा कि किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को कोई पद स्वीकार करना चाहिए या नहीं, यह मसला संबंधित न्यायाधीश के विवेक पर छोड़ दिया जाना चाहिए।

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