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व्यावसायिक जगत स्वस्थ्य, हरित दृष्टिकोण अपनाए: गोयल

गांधीनगर।  केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को व्यवसाय जगत से व्यावसायिक व्यवहार में भविष्य की दृष्टि से स्वस्थ और हरित दृष्टिकोण अपनाने का सोमवार को आह्वान किया। गोयल ने यहां आयोजित वैश्विक व्यापार समुदाय के साथ आधिकारिक जी20 संवाद मंच, बिजनेस 20 की स्थापना बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपनी अध्यक्षता में जी20 के एजेंडा के मूल विषय – ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के माध्यम से विश्व समुदाय को एक-दूसरे का ध्यान रखने और धरती तथा मानवता के भविष्य के लिए अधिक से अधिक संवाद करने और सरोकार रखने के लिए प्रेरित करना चाहता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा सतत विकास के लिए खड़ा रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि पर्यावरणीय लक्ष्यों को अपनाने और लागू करने के मामले में यह दुनिया के शीर्ष पांच देशों में से एक है। भारत नियमित रूप से जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को रिपोर्ट दाखिल करता है। भारत ने अपनी विद्युत उत्पादन की स्थापित क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा 40 प्रतिशत पहुंचाने का 2030 का लक्ष्य 2021 में ही हासिल कर लिया। भारत स्वस्थ तरीके से विकास के प्रत्येक लक्ष्य को बहुत गंभीरता से लेता है। उन्होंने कहा कि बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग और देश के कोने-कोने तक समावेशी विकास करने के लिए सरकार द्वारा परिवर्तनकारी कदम उठाए गए हैं।


वाणिज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पंख देने के लिए बुनियादी ढांचे, ईमानदारी, समावेशी विकास और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण इन चार बुनियादी बातों पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन ने यह सुनिश्चित किया है कि आज हमारे पास दूरसंचार में कनेक्टिविटी का स्तर है और अगले दो वर्षों में जो योजना बनाई जा रही है, वह हमें प्रौद्योगिकी के मामले में शीर्ष पांच या छह देशों में पहुंचा देगी। यह हमें स्मार्ट तरीके से समावेशी आर्थिक विकास हासिल करने में मदद करेगा। गोयल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हमें समानता का सम्मान करना चाहिए- हमें इस ग्रह के सभी संसाधनों का उपयोग करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सहयोग और सहयोग के माध्यम से विश्व अर्थव्यवस्था को शक्ति देने की उम्मीद करता है। उन्होंने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा कि हमें एक न्यासी के रूप में यह दुनिया विरासत में मिली है और यह हमारा कर्तव्य है कि हम अगली पीढ़ी के लिए एक बेहतर दुनिया छोड़ कर जाएं। उन्होंने कहा कि हमें अंतर-पीढ़ीगत इक्विटी का सम्मान करना होगा- हमें इस ग्रह के सभी संसाधनों का उपयोग करने का अधिकार नहीं है।

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