टाटा ओपन के रूप में एक और खिताब अपने नाम करना चाहते हैं बोपन्ना
पुणे,
खिताब के साथ सीजन की शुरुआत करने के बाद भारत के स्टार पुरुष युगल जोड़ीदार- रोहन बोपन्ना और रामकुमार रामनाथन पुणे में अपने नाम के साथ एक और खिताब जोड़ना चाहते हैं। बालेवाड़ी कॉम्प्लेक्स में जारी 2022 टाटा ओपन महाराष्ट्र में बोपन्ना और रामकुमार को दूसरी सीड मिली है और अब यह जोड़ी अपने अभियान की शुरुआत के लिए पूरी तरह तैयार है। पूर्व विश्व नंबर-3 बोपन्ना को लगता है कि रामकुमार की ऊर्जा और जुनून ने उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ टेनिस खेलने की आजादी दी है और इसी कारण वह अपने इस जोड़ीदार के साथ पुणे में एक और शानदार सप्ताह की उम्मीद कर रहे हैं। इस टूर्नामेंट में चौथी बार खेलने के लिए तैयार बोपन्ना ने मंगलवार को यहां वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, “चाहे वह डेविस कप हो या कोई अन्य टूर्नामेंट, मैंने रामकुमार को एक खिलाड़ी के रूप में विकसित होते देखा है। अगर कोई सलाह मैं उसे दे सकता था, तो मैंने हमेशा उसे यह देखने में मदद की है कि वह कहां और कैसे सुधार कर सकता है। मैं उसे ऑफ कोर्ट बहुत अच्छी तरह से जानता था और ऑन कोर्ट सौहार्द ने हमें वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की। बोपन्ना और रामकुमार ने जनवरी में एडिलेड में पहली बार एक साथ कोई खिताब जीता था। अब ये दोनों महाराष्ट्र लान टेनिस संघ द्वारा आयोजित किए जा रहे दक्षिण एशिया के एकमात्र एटीपी 250 टूर इवेंट के चौथे संस्करण में शुरुआती दौर के मुकाबले में अमेरिकी जोड़ी-जेमी सेरेटानी और निकोलस मोनरो का सामना करेंगे। बोपन्ना ने कहा, ‘हम दोनों ने एडिलेड में वास्तव में अच्छा सर्व किया था और यह हमारी सफल साझेदारी की कुंजी रहा है। मुझे लगता है कि अगर राम और मैं अच्छा सर्व कर सकते हैं, तो इससे विरोधियों पर हमेशा दबाव रहेगा। हर टीम के पास खिताब जीतने का शानदार मौका है। हमें बस अपने खेल पर ध्यान देना है और एक बार में एक ही मैच के बारे में सोचना है।’ अग्रणी भारतीय युगल टेनिस खिलाड़ी को इस बात की बेहद खुशी है कि टाटा ओपन महाराष्ट्र का चौथा संस्करण इस साल आयोजित हो रहा है और वह मानते हैं कि भारतीय खिलाड़ियों को अवसर देने के लिए इस तरह के टूर्नामेंट का होते रहना काफी महत्वपूर्ण है।
2010 यूएस ओपन पुरुष युगल उपविजेता ने कहा, ‘मैं एक खिलाड़ी के तौर पर यहां वापस आकर वास्तव में उत्साहित हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा हालात के कारण फैन्स यहां आकर मैच नहीं देख सकते। लेकिन मुझे लगता है कि इससे भी बड़ी बात इस साल इस टूर्नामेंट का आयोजन किया जाना है।’ देश में बड़े टूर्नामेंट के आयोजन के महत्व पर जोर देते हुए इस अनुभवी युगल खिलाड़ी ने कहा, “हमें अधिक से अधिक एटीपी इवेंट्स की आवश्यकता है क्योंकि ये एक तरह के अवसर हैं। मैंने बहुत सारे टूर्नामेंटों में देखा है जहां रैंकिंग में 150 या 200 के किसी खिलाड़ी को वाइल्ड कार्ड के रूप में मौका मिलता है और सफलता मिलती है क्योंकि एटीपी इवेंट में बड़े अंक होते हैं, अपने आप को साबित करने का बेहतर मौका होता है। जहां तक युवा खिलाड़ियों की बात है तो उनके लिए टेनिस को समझने और लाइव देखने के लिए शीर्ष खिलाड़ियों को खेलते हुए देखने से बहुत फर्क पड़ता है।
दिविज शरण के साथ खेलते हुए टाटा ओपन के दूसरे संस्करण में युगल खिताब जीतने वाले बोपन्ना ने पूर्व भारतीय स्टार एकल खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन का भी उदाहरण दिया, जो 2009 में देश के इस सबसे पुराने खेल आयोजनों में से एक में उपविजेता बने और उसके बाद अपने करियर में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए प्रभावशाली प्रदर्शन किया। 41 वर्षीय बोपन्ना ने युगल में एकल खिलाड़ियों की अधिक भागीदारी पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे उन्हें एकल में अपने खेल को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। बकौल बोपन्ना, “कई एकल खिलाड़ी अपने खेल को सुधारने के लिए युगल में खेलते हैं। मैं (डेनिस) शापोवालोव के साथ खेल रहा हूं। वह वास्तव में युगल खेलना पसंद करते हैं। ऐसा करते हुए वह काफी कुछ सीख रहा है।