भाजपा को राष्ट्रपति चुनाव में बीजद, वाईएसआर कांग्रेस से आशा
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का पलड़ा थोड़े से मतों से हलका पड़ रहा है और उसे राज्यसभा की 16 सीटों के चुनावों के परिणामों और बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर कांग्रेस जैसे तटस्थ दलों के रुख पर निर्भर रहना होगा। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज यहां देश के 16वें राष्ट्रपति के चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की जिसके अनुसार 15 जून को राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होगी और ज़रूरी होने पर 18 जुलाई को मतदान होगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी। लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के सदस्य मिल कर राष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल बनाते हैं। 776 सांसद (मनोनीत को छोड़कर) और विधानसभा के 4120 विधायकों से निर्वाचन मंडल बनता है। इस बार राष्ट्रपति चुनाव में पड़ने वाले मताें का कुल मूल्य 1086431 होगा। दरअसल, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के भंग होने के कारण इस बार राज्य विधानसभाओं के सदस्यों (विधायकों) का मत मूल्य 5,49,595 से घटकर 5,43,231 रह गया है। इसका सीधा असर सांसदों के मत मूल्य पर भी पड़ा है जो प्रति सांसद 708 से घटकर 700 रह गया है। इस प्रकार 776 सांसदों का कुल मत मूल्य 5,43,200 रह जाएगा, जबकि पूर्व में यह 5,49,408 था। जीतने के लिए किसी एक पक्ष को इसका 50 फीसदी यानी 5,43,216 संख्या हासिल करनी होगी। यदि जम्मू-कश्मीर विधानसभा मौजूद होती तो कुल 4,120 विधायकों एवं 776 सांसदों (लोकसभा 543 तथा राज्यसभा 233) की कुल वोट वैल्यू 10,98,803 बैठती और जीत के लिए 5,49,452 मतों की जरूरत होती।
सूत्रों की मानें तो राजग के पास लोकसभा के 336 तथा राज्यसभा के 118 सांसदों का समर्थन हासिल होने की संभावना है। इस प्रकार उसके कुल मतों का मूल्य 5,14,063 के करीब बनता है। ऐसे में जीत के लिए उसे करीब 29-30 हजार मतों की और जरूरत होगी। ऐसे में भाजपा का पूरा जोर कल शुक्रवार को होने वाले राज्यसभा की 16 सीटों पर चुनावों पर रहने वाला है और इसके बाद उसे बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन की आस रहेगी। आशा की वजह यह है कि संसद में कई मौकों पर ये सरकार के संकटमोचक बने हैं और सूत्रों की मानें तो हाल में इन दलों की तरफ से ऐसे संकेत भी दिए गए हैं। उधर विपक्ष की तरफ से अपना उम्मीदवार उतारे जाने की पूरी संभावना है। जानकारों का कहना है कि नतीजे जो भी विपक्ष इस बहाने एकजुट होकर संदेश देने की कोशिश करेगा। विपक्ष सिर्फ सरकार के पत्ते खोले जाने का इंतजार कर रहा है। हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री एवं तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता के सी राव ने देश के अनेक राज्यों का दौरा किया है और आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तृणमूल कांग्रेस की नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदि नेताओं से मुलाकात की है जिसे राजनीतिक हलकों में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर लामबंदी के रूप में देखा जा रहा है।