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भीमसेन जोशी स्मृति समारोह में बिखरा संगीतज्ञों के सुरों का जादू

नयी दिल्ली,

राजधानी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा पंडित भीमसेन जोशी शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में शुक्रवार शाम तीन दिवसीय संगीत सभा की शुरुआत भजन ‘जो भजे हरि को सदा…’के साथ हुई। दूसरे दिन का प्रारम्भ प्रातःकालीन रागों की अद्भुत प्रस्तुतियों के साथ हुआ, जिसमें पंडित अंबरीश दास और विदुषी पूर्णिमा धूमाले ने अपनी गायकी से संगीत सभा के मंच पर छटा बिखेरी। शनिवार को प्रातः नौ बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक श्रोताजनों ने आनन्द उठाया। इस अवसर पर संगीतकारों ने संगीत सभा के मंच पर कुछ प्रमुख राग ‘कोमल आसावरी’ और ‘मियां की तोड़ी’ गाकर समां बांध दिया।


कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने मेहमान संगीतज्ञों का स्वागत किया। शांत और एकाग्र माहौल में पंडित जी के प्रिय राग “ऐसा भी कोई सपना जागे” ने उपस्थित श्रोताओं की वाहवाही बटोरी। पंडित अंबरीश दास के साथ सारंगी की बारीकी समझ रखने वाले पंडित भारत भूषण, तबला वादक पंडित विनोद लेले, हारमोनियम ज्ञाता विदुषी पूर्णिमा मुखर्जी, तानपुरा बजाने में माहिर दो महाविभूति  अचल और  अजय ने शास्त्रीय वादकों की धुन से संगीत सभा मंच की शोभा बढ़ाई। राग विदुषी पूर्णिमा धूमाले ने ‘मियां की तोड़ी ‘ से श्रोताओं का मनमोह लिया। उनके साथ हारमोनियम विद्वेता पंडित श्रीराम हर्षांदेश, तबला वादक श्री संजय देशपांडे, तानपुरा वाद्य यंत्र की मीठी तान छेड़ने वाली मानसी देशपांडे और प्रियंका रावत ने प्रस्तुति दी।

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