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पीएफआई पर प्रतिबंध भेदभावपूर्ण: जमात-ए-इस्लामी हिन्द

नयी दिल्ली।  जमात-ए-इस्लामी हिन्द के अध्यक्ष सआदतुल्लाह हुसैनी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बुधवार को लगाये गये प्रतिबंध को ‘भेदभावऔर पक्षपातपूर्ण’ बताते हुए सरकार से इसे उठाने की मांग की है। श्री हुसैनी ने एक बयान में कहा,“हमने हाल ही में कई छोटे और कट्टरपंथी समूहों को खुले तौर पर द्वेष फैलाने और हिंसा का आह्वान करते हुए देखा है। ये समूह बेखौफ होकर काम कर रहे हैं और इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसलिए (पीएफआई पर) प्रतिबंध चयनात्मक, भेदभावपूर्ण और पक्षपातपूर्ण प्रतीत होता है। उन्होंने कहा,“इससे लोगों और सरकार के बीच विश्वास की कमी बढ़ेगी और देश में गलत संदेश जाएगा। हम मांग करते हैं कि प्रतिबंध को जल्द से जल्द हटाया जाए। श्री हुसैनी ने कहा कि किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाना न तो कोई समाधान है और न ही यह किसी लोकतांत्रिक समाज के अनुकूल है। संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की संस्कृति अपने आप में संविधान द्वारा संरक्षित मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है तथा लोकतांत्रिक भावना और बुनियादी नागरिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। उन्होंने कहा,“लोगों के इन संगठनों, उनकी नीतियों और बयानबाजी से मतभेद हो सकते हैं। हमने हमेशा कई मामलों में उनका विरोध किया है लेकिन यह किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाने और उसके कार्यकर्ताओं को परेशान करने का कारण नहीं है।

श्री हुसैनी ने कहा कि देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस और प्रशासन का कर्तव्य है। यदि कोई व्यक्ति कानून तोड़ता है या कोई अपराध करता है तो उस व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है और कानून के प्रावधानों के अनुसार उससे निपटा जा सकता है। उन्होंने एक पूरे संगठन पर ‘तुच्छ और अप्रमाणित’ कारणों से प्रतिबंध लगाने को ‘अनुचित और अलोकतांत्रिक’ बताते हुए कहा कि यह फैसले अदालत में होने चाहिये जहां उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका मिलेगा। गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने पीएफआई पर पाबंदी लगाने की घोषणा करते हुए हुए एक बयान में कहा कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों या संबद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों को गंभीर अपराधों में लिप्त पाया गया है जिनमें आतंकवाद और उसका वित्तपोषण, नृशंस हत्याएं, देश के संवैधानिक ढांचे की अवहेलना, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना आदि शामिल हैं जो कि देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं। पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों या संबद्ध संस्थाओं या उसके लिए सक्रिय संगठनों को विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के अंतर्गत ‘विधिविरुद्ध संगठन’ घोषित कर दिया है। इन संगठनों में रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल शामिल हैं।

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