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कोरोना की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी पुख़्ता: केजरीवाल

नयी दिल्ली।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार कोरोना की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी पुख़्ता है इसलिए इसके बढ़ते मामलों से घबराने की ज़रूरत नहीं है। केजरीवाल ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक कर स्वास्थ्य विभाग से अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन समेत अन्य चीजों की उपलब्धता की जानकारी लेने के बात संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार ने करीब दो सप्ताह पहले छह राज्य चिंहित किए थे, जहां कोरोना ज्यादा बढ़ रहा है। गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना में कोरोना ज्यादा बढ़ रहा है। केंद्र सरकार की ओर से इन राज्यों को विशेष हिदायत दी गई थी। इन छह राज्यों में दिल्ली शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 15 मार्च को कोरोना के करीब 42 केस थे और 15 दिन के अंदर बढ़कर 30 मार्च को 295 केस हो गए। दिल्ली में कोरोना के केस में अचानक वृद्धि को हमने पहले ही समझने की कोशिश की है कि क्यों बढ़ रहा है? दिल्ली में अभी कोविड के एक्टिव केस 932 हैं। 30 मार्च को 2363 नमूने की जांच की गई थी। दिल्ली में अभी कोरोना के 295 केस ही हैं। हालांकि अभी घबराने की कोई बात नहीं है। फिर भी हम समय रहते जो भी कदम उठाने की जरूरत है, वो उठा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोरोना से अभी तक तीन मौतें हुई हैं। इसमें दो मौतें परसो हुई थीं और एक की मौत चार-पांच दिन पहले हुई थी। तीनों मामलों में गंभीर बीमारी के कारण मौत हुई है। यह कहना कि उसकी मौत कोरोना की वजह से हुई है, शायद थोड़ा गलत होगा, लेकिन सच्चाई है कि ऐसे तीन लोगों की मौत हुई है, जिनको कोरोना था। इन तीनों में से दो दिल्ली के बाहर के रहने वाले थे। उन्होंने कहा कि इस वक्त हमारे पास कोरोना के जितने भी मामले आ रहे हैं, उनका हम सौ फीसद जीनोम सीक्वेंसिंग करा रहे हैं। इसके पीछे मकसद यह है कि अगर कोई भी नया वैरिएंट निकल कर आए तो हमें पहले ही पता चल जाए कि कहीं कोई चिंता का विषय तो नहीं है।

केजरीवाल ने कहा कि वैसे तो कोरोना को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। फिर भी हमारी तरफ से इसे लेकर पूरी तैयारी है। अभी कोरोना के बहुत कम मामले हैं और कोई सीवियरिटी भी नहीं है। फिर भी सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 7986 बेड्स तैयार हैं। इसमें ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू बेड्स भी शामिल हैं। इन 7986 बेड्स में केवल 66 बेड्स पर ही मरीज हैं। उन्होंने बताया कि आरटीपीसीआर टेस्ट करने की हमारे पास पूरी क्षमता है। प्रतिदिन करीब चार हजार आरटीपीसीआर टेस्ट हमारे सरकारी लैब में करने की क्षमता है और प्राइवेट लैब्स में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट करने की क्षमता है। दिल्ली में वैक्सीनेशन का प्रदर्शन भी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा अच्छा रहा है। दिल्ली में 18 से अधिक उम्र के लगभग सभी लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।

उन्होंने दिल्ली में रहने वाले लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि दिल्ली में लोगों को कोरोना को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार पूरी तरह से नजर रखे हुए है और किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इंफ्लुएंजा और सांस की बीमारी वाले मरीज को मास्क लगाकर रखना चाहिए। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार की ओर से मास्क लगाने को लेकर कोई गाइड लाइन नहीं है। केंद्र सरकार से जैसे-जैसे गाइड लाइन आएगी, हम उस पर कदम उठाएंगे।

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