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सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी

नयी दिल्ली ,

सरकार ने देश भर में चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी योजनाओं के तहत वर्ष 2024 तक फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरूवार को यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एकीकृत जन वितरण प्रणाली, एकीकृत बाल विकास सेवा , प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण ( मध्यान्ह) और अन्य योजनाओं के तहत सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में वर्ष 2024 तक चरणबद्ध तरीके से फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस पर प्रतिवर्ष आने वाले 2700 करोड़ रूपये के खर्च को केन्द्र सरकार जून 2024 तक वहन करेगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में इस योजना को एकीकृत बाल विकास योजना तथा मध्यान्ह भोजन के लिए मार्च 2022 तक समूचे देश में लागू किया जायेगा। दूसरे चरण में इसके साथ साथ योजना को जन वितरण तथा सभी आकांक्षी जिलों में वर्ष 2023 तक अन्य योजनाओं के लिए लागू किया जायेगा। तीसरे चरण में मार्च 2024 तक देश के सभी जिलों को योजना के दायरे में लाया जायेगा।


इस योजना पर अमल के लिए खाद्य एवं जन वितरण विभाग राज्य सरकारों , केन्द्र शासित प्रदेशों, विभागों, विकास भागीदारों , उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के साथ समन्वय करेगा। भारतीय खाद्य निगम और राज्यों की एजेन्सी पहले से ही फोर्टिफाइड चावल की खरीद में लगी हैं और करीब 88.65 टन चावल की खरीद की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 15 अगस्त को महिलाओं , बच्चों और दूध पिलाने वाली माताओं में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए देश के हर गरीब को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। इससे पहले केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में जन वितरण प्रणाली के तहत फोर्टिफाइड चावल देने के लिए तीन वर्ष की पायलट योजना शुरू की थी। इसके तहत 11 राज्यों आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र , तमिलनाडु , छत्तीसगढ, उत्तर प्रदेश, ओड़िशा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड के एक एक जिले को इसके दायरे में लाया गया था।

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