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अमेरिका के विदेशी सहायता निलंबित करने से मानवीय अभियानों पर गंभीर असर पड़ा: संरा

संयुक्त राष्ट्र।  अमेरिका की ओर से विदेशी सहायता निलंबित किए जाने से डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय अभियानों पर गंभीर असर पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूर्वी डीआरसी में सुरक्षा और मानवीय स्थिति बेहद अस्थिर बनी हुई है। उत्तरी किवु और दक्षिण किवु दोनों प्रांतों में बढ़ते सशस्त्र संघर्ष, बड़े पैमाने पर विस्थापन और बढ़ती असुरक्षा के कारण स्थिति और खराब हो रही है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप विशेष प्रतिनिधि एवं डीआरसी के निवासी तथा मानवीय समन्वयक ब्रूनो लेमारक्विस ने राजधानी किंशासा से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पत्रकारों से कहा कि अमेरिका द्वारा विदेशी सहायता निलंबित किए जाने का देश में मानवीय सहायता अभियानों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “अमेरिकी फंडिंग पर निर्भरता का मतलब है कि बहुत सारे कार्यक्रमों को उन सभी चीजों को बंद करना होगा, जिसमें आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन आश्रय शामिल हैं।

श्री लेमारक्विस ने कहा कि उनके कार्यालय में समन्वय क्षमता को रोकना पड़ा। उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि कई संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) जो ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, उनकी गतिविधियां या तो गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं या पूरी तरह से रुक गई हैं। श्री लेमारक्विस ने बताया कि अब तक केवल आपातकालीन खाद्य सहायता को अमेरिकी प्रतिबंध से छूट मिली है। उन्होंने वाशिंगटन से और अधिक छूट देने की अपील की तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कांगो में मानवीय सहायता बढ़ाने का आग्रह किया।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 26 जनवरी से अब तक कांगो में तीन हजार से अधिक लोगों की हत्या हो चुकी है, 2,880 लोग घायल हुए हैं, और पांच लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। यह संख्या पहले से ही विस्थापित 64 लाख लोगों के अलावा है, जो पूर्वी कांगो में आंतरिक रूप से बेघर हो चुके हैं।