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एअर इंडिया–टाटा का पंछी फिर टाटा के जहाज पर

नयी दिल्ली, 

सार्वजनिक क्षेत्र की एअरलाइन एअर इंडिया सरकार के निजीकरण कार्यक्रम के तहत आज पुन: टाटा उद्योग समूह के हाथ में पहुंच गयी। दुनिया में किसी समय सबसे प्रतिष्ठित एअर लाइन के रूप में मशहूर एअर इंडिया के इतिहास की महत्वपूर्ण तिथियां इस प्रकार हैं।

–एअर इंडिया की स्थापना जाने माने उद्योगपति जेआरडी टाटा ने 1930 के दशक में की।

–जेआरडी टाटा ने 15 साल की उम्र में 1919 में पहली बार शौकिया तौर पर विमान उडाया था।

–श्री टाटा ने अप्रैल 1932 में टाटा एअरलाइंस शुरू की जो बाद में एअर इंडिया बनी।

–टाटा एअरलाइंस ने उसी साल 15 अक्टूबर को हैवीलैंड पसमॉथ से पहली उडान भरी।

–पहली उड़ान कराची से अहमदाबाद के रास्ते मुंबई के लिए थी जिसमें 25 किलो भार की चिट्टयां थीं जो लंदन से इम्पीरियल एअरवेज के विमान से कराची लायी गई थीं।

–टाटा एअरलाइंस की विधिवत व्यावसायिक उड़ाने 1933 में शुरू हुईं। पहले वर्ष इसने कुल 1.60 लाख मील की उड़ान भर कर 155 यात्री और लगभग 11 टन डाक की ढुलाई की।

–शुरु में टाटा एअरलाइंस का कार्यालय मुंबई में जुहू के पास मिट्टी के एक मकान में होता था और रनवे एक मैदान में बनाया गया था जो बरसात में पानी से भर जाता था।

–द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत में सामान्य हवाई सेवाओं की शुरुआत हुई और टाटा एअरलाइंस का नाम एअर इंडिया रखकर इसे सार्वजनिक कंपनी बना दिया गया।

–वर्ष 1946 में ‘महाराजा’ इसका शुभंकर बनाया गया और यह इसकी विश्वव्यापी पहचान बना।

–वर्ष 1947 में एअर इंडिया में सरकार ने 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली थी।

— सरकार ने 1953 में एअर काॅरपोरेशन अधिनियम पारित कर एअर इंडिया में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल की और टाटा एअरलाइंस से शुरू हुई एअर इंडिया पूरी तरह से सरकारी     कंपनी बन गयी।

–वर्ष 1960 के शुरु में एअर इंडिया ने पहला बोइंग 707 विमान खरीदा और इसका नाम ‘गौरी शंकर’ रखा गया।

–कंपनी के निजीकरण का प्रयास वर्ष 2000-01 शुरू हो गया था।

–एअर इंडिया 2006 से यह कंपनी घाटे में है।

— सरकार ने 2007 में इंडियन एयरलाइन का एयर इंडिया में विलय कर दिया अौर 50 हजार करोड़ रुपये के नए विमान खरीदने के बड़े सौदे कर लिए और कंपनी डूबने लगी।

— इस विलय से पहले कंपनी पर कर्ज केवल 5000 करोड़ रुपये का था।

— निजी विमान कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में कंपनी पिछड़ती गयी।

–कंपनी पर इस समय कुल देनदारी 61500 करोड़ रुपए ज्यादा है। सरकार 2009 से अब तक इसको जिंदा रखने के लिए इसे 110276 करोड़ रुपए की सहायता दे चुकी है।

— सरकार ने 2017 में कंपनी की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थी।

— उसके बाद तीसरे प्रयास में सरकार एयर इंडिया की शत प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा समूह को बेचने में कामयाब हुई है।

— वित्त मंत्रालय के निवेश एवं सार्वजनिक सम्पत्ति विभाग-दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडे ने 08 अक्टूबर 2021 को एयर इंडिया के लिए टाटा की बोली स्वीकार किए जाने की घोषणा की। इसके बेड़े में इस समय 127 विमान हैं।

— इस समय एयर इंडिया समूह में कुल साढ़े तेरह हजार कर्मचारी हैं।

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