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सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद राज्यपाल रवि ने पोनमुडी को शपथ दिलाने की सहमति दी

नयी दिल्ली।  तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने उच्चतम न्यायालय के सख्त रुख के एक दिन बाद शुक्रवार को न्यायालय के समक्ष कहा कि द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) विधायक के पोनमुडी को आज अपराह्न साढ़े तीन बजे मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने आज इस मामले में कहा कि राज्यपाल यह बताना चाहते थे कि उनका शीर्ष अदालत के आदेश की अवहेलना करने का कोई इरादा नहीं था। शीर्ष अदालत ने राज्यपाल के इस बयान को रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर अंतरिम आवेदन का निपटारा कर दिया।

तमिलनाडु सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी, ए एम सिंघवी और पी विल्सन ने अदालत को बताया राज्यपाल ने नरम रुख अपनाया है और श्री पोनमुडी को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया है। शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार के एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को राज्यपाल के रुख पर नाराजगी व्यक्त करत हुए अटॉर्नी जनरल से कहा था कि उसे राज्यपाल के खिलाफ टिप्पणी करनी पड़ सकती है। पीठ ने कहा था,“वह (राज्यपाल) न्यायालय की अवहेलना कर रहे हैं। जब भारत की शीर्ष अदालत ने किसी सजा पर रोक लगाती है तो राज्यपाल को उसे अन्यथा लेने कोई अधिकार नहीं है।

पीठ ने कहा था, “हम तमिलनाडु के राज्यपाल के आचरण से गंभीर रूप से चिंतित हैं। शीर्ष अदालत की दो सदस्यीय पीठ ने 11 मार्च को आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में श्री पोनमुडी को उच्च न्यायालय में मिली सजा को निलंबित कर दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने श्री पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए 13 मार्च को राज्यपाल को पत्र भेजा था। गत 17 मार्च को राज्यपाल ने हालाँकि, जवाब दिया कि श्री पोनमुडी की सजा को केवल ‘निलंबित किया गया है, रद्द नहीं किया गया’ और इसलिए उन्हें मंत्री के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने 21 मार्च को तमिलनाडु सरकार के एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए राज्यपाल द्वारा अपनाए गए इस रुख पर नाराजगी व्यक्त की थी।