जस्टिस नरीमन के पेशेवर जीवन में कई और अध्याय लिखे जाने बाकी हैं : सीजेआई
नयी दिल्ली,
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमन ने शीर्ष अदालत के न्यायाधीश रोहिंगटन फली नरीमन को न्यायिक प्रणाली के मजबूत स्तम्भों में से एक करार देते हुए गुरूवार को कहा कि न्यायमूर्ति नरीमन के पेशेवर जीवन में कई और अध्याय अभी लिखे जाने बाकी हैं। अंतिम कार्यदिवस होने के कारण पुरातन न्यायिक परम्पराओं के अनुरूप न्यायमूर्ति नरीमन आज मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में शामिल थे। इस अवसर पर सीजेआई ने कहा कि न्यायमूर्ति नरीमन की सेवानिवृत्ति के साथ उन्हें ऐसा लग रहा है कि वह इस न्यायिक संस्थान की रक्षा करने वाले शेरों में से एक को खो रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “श्रेया सिंघल जैसे निर्णयों और पुट्टस्वामी में अपनी राय के जरिये न्यायमूर्ति रमन ने इस देश के न्यायशास्त्र पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उनके निर्णय उनके विचार और विद्वत्तापूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।” उन्होंने कहा, “न्यायमूर्ति नरीमन मौजूदा न्यायिक प्रणाली के मजबूत स्तंभों में से एक सैद्धांतिक व्यक्ति हैं। मुझे यकीन है कि न्यायमूर्ति नरीमन के पेशेवर जीवन में कई और अध्याय लिखे जाने बाकी हैं।” न्यायमूर्ति रमन ने कहा कि कानूनी कौशल के भंडार न्यायमूर्ति नरीमन जैसे लोगों की सेवानिवृत्ति आश्चर्यचकित करती है कि क्या ऐसे व्यक्तियों की उम्र सेवानिवृत्ति की अवधि तय करने के लिए उपयुक्त मानदंड है। विदाई संदर्भ में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये।