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शवों के गंगा में बहाने पर रोक के लिए दिशानिर्देश को लेकर याचिका

नयी दिल्ली, 

देश के विभिन्न राज्यों में गंगा नदी में बहते शवों को निकालने और मृतकों का उचित तथा सम्मानित तरीके से अंतिम संस्कार करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने के दिशानिर्देश जारी करने की मांग को लेकर एक याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी है। ‘यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ की ओर से अधिवक्ता मंजू जेटली द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में बहते पाये गये शवों का हवाला देकर मांग की गयी है कि कोरोना वायरस के मृतकों का उचित तथा सम्मानित तरीके से अंतिम संस्कार करने के लिए एसओपी तय करने के दिशानिर्देश जारी किये जायें।

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याचिकाकर्ता ने विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों एवं संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है कि किसी भी नदी में शव फेंके न जायें और ऐसा करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि मृतकों के अधिकारों की रक्षा करना भी सरकार का कर्तव्य है, जिसमें सम्मानित तरीके से अंतिम संस्कार करने का अधिकार भी शामिल है। याचिका में कहा गया है कि नदी में शवों के बहने से पर्यावरण को नुकसान होगा और साथ ही यह स्वच्छ गंगा के राष्ट्रीय अभियान के दिशानिर्देशों का उल्लंघन भी है। याचिका में शवों के निपटारे समेत अन्य मुद्दों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की ओर से पिछले महीने जारी सिफारिशों पर अमल के लिए केंद्र तथा अन्य पक्षकारों को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

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