निशंक ने सीबीएसई के कॉमिक्स का किया विमोचन
नई दिल्ली,
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज यहां 13 राज्यों के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 50 स्कूलों के 120 ग्राफ़िक कॉमिक्स का विमोचन किया। डॉ निशक ने ने इन कॉमिक्स के बारे में कहा कि ये कॉमिक्स शिक्षा एवं विषयों को रोचक और समझने योग्य बनाते हैं। यह उत्कृष्ट शिक्षण सहायक सामग्री भी सिद्ध होंगे। एक सौ से अधिक कॉमिक्स तैयार किए जा चुके हैं जिन्हें दीक्षा मंच पर सबके साथ साझा किया जाएगा। उन्होनें कहा, “मैं आशा करता हूँ कि सीबीएसई का यह प्रयास विद्यार्थियों के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा तथा आने वाले समय में सीबीएसई एवं शिक्षक समुदाय द्वारा शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए ऐसे ही नित-नए प्रयोग किए जाएंगे।” डॉ निशक ने कहा कि जैसा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि ‘दुनिया में कहीं भी हमारे देश जैसी पवित्र, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर तथा सहृदय महिलाएं नहीं हैं। ये महिलाएं ही हैं जो इस देश की आत्मा और जीवन है। सीखने की सभी पद्धतियों और संस्कृति का केंद्र इन महिलाओं में ही निहित है। इसीलिए हमारे देश में स्त्री को देवी, मातृशक्ति एवं प्रकृति का प्रतीक है माना गया है, जिसके माध्यम से समृद्धि, सृजनात्मकता, सामंजस्य और खुशहाली का आगाज होता है।
उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा, मुझे यकीन है कि आपके माता-पिता आपसे पूरी उम्मीद करते होंगे कि आप अपने सपनों को साकार करें और अपने जीवन में सफल हों और इस सफलता के लिए अच्छी शिक्षा सबसे बड़ी कुंजी है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री एवं हमारी सरकार आपके रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सफलता का हर दरवाजा आपके लिए खुला हो और यह तब ही हो सकता है, जब हर लड़की को शिक्षा प्राप्त करने और सफल होने के सभी अवसर उपलब्ध हो।” उन्होंने आगे कहा कि इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, समग्र शिक्षा (स्कूल शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना) को लागू कर रहा है, जिसके तहत शिक्षा में लड़कियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गये हैं। इन कॉमिक्स में कक्षा तीन से कक्षा 12 तक के 12 विषयों को सम्मिलित किया गया है, साथ ही इन शैक्षणिक सामग्री का पुन:निर्माण करते समय अन्य जीवन कौशलों के साथ-साथ लैंगिक संवेदनशीलता, महिला सशक्तीकरण, नैतिक शिक्षा की बारीकियों को जोड़ने पर भी ध्यान दिया गया है।