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प्रवासी भारतीय देश के विकास का हिस्सा बनें: जयशंकर

नयी दिल्ली, 

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शनिवार को कोरोना वायरस(कोविड-19) के कारण उत्पन्न संकट से मजबूती से निपटने में भारत के व्यापक प्रयासों में हिस्सा लेने के लिये प्रवासी भारतीय समुदाय को आमंत्रित किया। डॉ जयशंकर ने 16वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत, वैश्विक मानदंडों के अनुरूप विश्वसनीय सहयोगी और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता होगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का उद्देश्य वृहद क्षमता का निर्माण और दुनिया के लिये अपने योगदान में वृद्धि करना है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भारत के विकास और आधुनिकीकरण में ‘स्वाभाविक सहयोगी’ करार देते हुए कहा कि वे देश के क्षमता विस्तार के प्रयास को मजबूती प्रदान करने के लिये संसाधन, प्रौद्योगिकी, अच्छी पहल और नवोन्मेष ला सकते हैं । विदेश मंत्री ने कहा, “ कोविड-19 ने हमें कई सबक सिखाये और इनमें से एक प्रमुख सबक आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चितता की स्थिति के कारण दुनियाभर में विश्वसनीय,लघु एवं ठोस आपूर्ति श्रृंखला की मांग उत्पन्न हो गई है। भारत इस स्थिति से ‘आत्मनिर्भर भारत’ के व्यापक ढांचे और घरेलू स्तर पर अपनी क्षमताएं बढ़ाकर निपट रहा है ताकि वृहद योगदान दे सके।”

प्रवासी भारतीय देश के विकास का हिस्सा बनें: जयशंकर
उन्होंने कहा, “ भारत में हम आत्मनिर्भर भारत की नीति के जरिए, घरेलू स्तर पर अपनी क्षमताएं बढ़ाकर निपट रहे हैं ताकि बाहर वृहद योगदान दे सकें। यह स्वाभाविक है कि इस प्रक्रिया में हम भारतीय समुदाय को शामिल करना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी उच्च उपलब्धियों के जरिये ख्याति अर्जित की है।” उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के लिये नौ जनवरी के दिन को चुना गया क्योंकि इसी दिन 1915 में ‘महानतम प्रवासी’ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और देश के स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन देश की तरक्की और विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को याद करने के लिए आयोजित किया जाता है।

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