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पिछले साल मलेरिया से लड़ने के नये तरीकों का इस्तेमाल करके दस लाख लोगों की जानें बचायी गयीं

जिनेवा।  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पिछले साल मलेरिया से लड़ने के नये तरीकों का इस्तेमाल करके दस लाख लोगों की जानें बचायी गयीं लेकिन यह प्रगति दवा के प्रति मच्छरों की बढ़ती प्रतिरोधक क्षमता के कारण खतरे में है। डब्ल्यूएचओ की गुरुवार को जारी वार्षिक विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया के खिलाफ नए तरीकों, जिनमें दोहरे सक्रिय घटक वाली मच्छरदानी और डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित टीके शामिल हैं, के व्यापक उपयोग से 2024 में अनुमानित 17 करोड़ मामलों और दस लाख मौतों को रोकने में मदद मिली है। दोहरे सक्रिय घटक (एआई) वाली मच्छरदानी उन्नत मच्छरदानी हैं जिनमें दो अलग-अलग कीटनाशक (आमतौर पर एक पाइरेथ्रॉइड और क्लोरफेनेपायर या पाइरीप्रॉक्सीफेन) होते हैं। ये व्यापक कीटनाशक प्रतिरोध को दूर करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।ये पारंपरिक मच्छरदानियों की तुलना में, विशेष रूप से अफ्रीका में, पाइरेथ्रॉइड प्रतिरोधी मच्छरों को लक्षित करके, मलेरिया से काफ़ी बेहतर सुरक्षा (20-50 प्रतिशत अधिक प्रभावी) प्रदान करते हैं। ये मलेरिया नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं, जो पुराने मच्छरदानियों से ज़्यादा प्रभावी मच्छरदानियों की ओर बदलाव को तेज़ करते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने 2021 में दुनिया के पहले मलेरिया टीकों को मंजूरी दी, और तब से 24 देशों ने इन टीकों को अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों में शामिल किया है।मलेरिया कीमोप्रिवेंशन का भी विस्तार किया गया है और अब इसे 20 देशों में लागू किया जा रहा है, जिससे 2024 तक 5 करोड़ 40 लाख बच्चों तक पहुँच बनाई गयी, जो 2012 की तुलना में लगभग 20 लाख अधिक है। मौसमी मलेरिया कीमोप्रिवेंशन -मलेरिया के चरम मौसम (बरसात के मौसम) के दौरान बच्चों को मलेरिया-रोधी दवाएँ देने की एक प्रभावी रणनीति है, जिसमें हर 28 दिन के अंतराल पर दवा के कोर्स दिए जाते हैं, ताकि रक्त में दवा का स्तर बना रहे और मलेरिया से बचाव हो सके, खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में यह मलेरिया के मामलों और मौतों को कम करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

मलेरिया उन्मूलन में भी प्रगति हो रही है। अब तक, कुल 47 देशों और एक क्षेत्र को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मलेरिया-मुक्त प्रमाणित किया जा चुका है। काबो वर्डे और मिस्र को 2024 में, और जॉर्जिया, सूरीनाम और तिमोर-लेस्ते को 2025 में मलेरिया-मुक्त प्रमाणित किया गया। वर्ष 2024 में अनुमानित 28 करोड़ मलेरिया के मामले सामने आये जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 90 लाख अधिक मामले हैं। इसकी वजह से 610,000 लोगों की मौत हुयीं । अनुमानित 95 प्रतिशत मौतें विश्व स्वास्थ्य संगठन के अफ्रीकी क्षेत्र में हुईं, जिनमें से अधिकांश पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे थें। रिपोर्ट दर्शाती है कि मलेरिया-रोधी दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है जो मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधा बन रही है।

अफ्रीका के कम से कम आठ देशों में मलेरिया-रोधी दवा प्रतिरोध की पुष्टि या संदेह हो चुका है, और आर्टेमिसिनिन के साथ संयुक्त दवाओं की प्रभावशीलता में गिरावट के संभावित संकेत हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानॉम घेब्रेयेसस ने कहा, “मामलों और मौतों की बढ़ती संख्या, दवा प्रतिरोध का बढ़ता खतरा और वित्त पोषण में कटौती का प्रभाव, ये सभी पिछले दो दशकों में हमारे द्वारा की गई प्रगति को पीछे धकेलने का खतरा पैदा करते हैं। इसके बावजूद वह सकारात्मक रूख अपनाते हुए कहते हैं कि सबसे अधिक प्रभावित देशों के नेतृत्व और लक्षित निवेश के साथ, मलेरिया मुक्त विश्व का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।