वेदराही को साहित्य अकादमी महत्तर सदस्यता अर्पित
नयी दिल्ली। प्रख्यात डोगरी लेखक, विचारक, कवि, निर्देशक और फिल्म निर्माता वेदराही को साहित्य अकादमी के सर्वोच्च सम्मान साहित्य अकादमी महत्तर सदस्यता से सम्मानित किया गया है। श्री वेदराही के स्वास्थ्य कारणों के कारण गुरुवार को एक संक्षिप्त अलंकरण कार्यक्रम महाराष्ट्र में उनके ठाणे स्थित आवास पर किया गया। साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक और सचिव के. श्रीनिवासराव ने उन्हें सम्मान स्वरूप दिए जाने वाला ताम्रफलक प्रदान किया । अलंकरण प्राप्त करने के बाद श्री वेदराही ने इस सम्मान को घर पर आकर देने के लिए साहित्य अकादमी का आभार प्रकट किया। श्री वेदराही का डोगरी के साथ हिंदी और उर्दू का उत्कृष्ट और विपुल लेखन है । उन्होंने बतौर लेखक, निर्देशक तथा निर्माता के रूप में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने सहजता से कहानियाँ, पटकथाएँ तथा संवाद लिखें है।
श्री वेदराही का जन्म मई 1933 को हुआ। उनका पैतृक स्थान जम्मू- कश्मीर है। उन्होंने 25 फिल्मों का लेखन किया तथा पाँच का निर्देशन भी किया है। उन्हें डोगरी कहानी-संग्रह ‘आले’ के लिए वर्ष 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1971 में महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ पटकथा पुरस्कार, जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1992 में टी.वी.धारावाहिक ‘गुल, गुलशन, गुलफ़ाम’ के लिए अपट्रॉन का सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार, वर्ष 2011 में केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन पुरस्कार, वर्ष 2015 में अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 2018 में डोगरी कविता में योगदान के लिए प्रतिष्ठित ‘दीनू भाई पंत पुरस्कार तथा वर्ष 2018 में कुसुमाग्रज राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार सहित कई सम्मानों से विभूषित किया जा चुका है।