पश्चिम एशिया में संघर्ष को लेकर भारत ने जतायी चिंता
नयी दिल्ली। भारत, पश्चिम एशिया में संघर्ष को लेकर इस बात से चिंतित है कि कहीं यह व्यापक क्षेत्रीय आयाम न ले ले और बड़े पैमाने पर निर्दोष नागरिकों को इसका नुकसान उठाना पड़े। पश्चिम एशिया मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा, “ हमने कुछ दिन पहले गहरी चिंता व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया था जिसमें हमने कहा था कि हिंसा से उपजी स्थिति हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है। हमने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा का भी आह्वान दोहराया था।
उन्होंने कहा “ नागरिकों की सुरक्षा को लेकर, हमारी राय में यह महत्वपूर्ण है कि यह संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय आयाम न ले ले। फिलहाल, इज़रायल, ईरान और अन्य देशों से उड़ानें चल रही हैं, इसलिए अगर लोग चाहें तो उनके पास विकल्प है। स्वदेश जाने के लिए परिवारों ने हमसे और हमारे दूतावासों से संपर्क किया है, लेकिन इस समय हमारे पास लेबनान में लगभग 3000 लोग हैं, जिनमें से ज्यादातर बेरूत में हैं। ईरान में लगभग 10 हजार लोग, उनमें से लगभग 5000 छात्र हैं। इज़रायल में, हमारे पास लगभग 30 हजार लोग हैं जो बड़े पैमाने पर चिकित्सा क्षेत्र में करने वाले और अन्य कर्मचारी हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर की श्रीलंका यात्रा पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर ने सुबह अपने समकक्ष, श्रीलंकाई विदेश मंत्री से मुलाकात की और उसके बाद उन्होंने श्रीलंकाई राष्ट्रपति से मुलाकात की, जहां उन्होंने अपनी बात, हमारे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के संदेश दिये तथा श्रीलंका के साथ हमारी मजबूत साझीदारी को आगे बढ़ाने की हमारी गहरी इच्छा व्यक्त की। दक्षिण चीन सागर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम नौवहन की स्वतंत्रता के पक्ष में हैं। हम चाहते हैं कि उक्त क्षेत्र में सभी विवादों को शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से हल किया जाए और हम उस अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था के लिए खड़े हैं जिसका हम पालन करते हैं।