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अनुपूरक बजट से मिलगी विकास कार्यों को रफ्तार: योगी

लखनऊ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि अनुपूरक बजट से प्रदेश में जारी विकास कार्यो में तेजी आयेगी। श्री योगी ने मानसून सत्र के अंतिम दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि देश को पांच ट्रिलियन की इकॉनमी बनाने का प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने के नाते उत्तर प्रदेश का भी दायित्व बनता है कि हम देश की स्पीड के साथ प्रदेश के नागरिकों की स्पीड को आगे बढ़ा सकें और उसी स्पीड को मैच करने के लिए उत्तर प्रदेश ने भी तय किया कि हम उत्तर प्रदेश की इकॉनमी को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के रूप में खुद को स्थापित करेंगे। यह बजट उसी श्रंखला का एक हिस्सा है।

उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लिए एक रोडमैप तैयार हुआ है। प्रदेश के अंदर सभी विभागों को हमने 10 सेक्टर में विभाजित किया है। हमारा कोई वरिष्ठ मंत्री उस सेक्टर की निगरानी कर रहा है। अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी उसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उस फील्ड से जुड़े विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री और स्टेकहोल्डर्स का सहयोग लिया जा रहा है। सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से इसकी नियमित समीक्षा के साथ-साथ किस सेक्टर में कमी है और कहां इसे पुश करने की आवश्यकता है, उसके लिए कार्य कर रहे हैं।

योगी ने बताया कि जो 10 महत्वपूर्ण सेक्टर बनाए गए हैं, उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्वपूर्ण रोल है। उत्तर प्रदेश के अंदर एक्सप्रेसवे, इंटरस्टेट कनेक्टिविटी, हाईवे का एक बेहतरीन जाल बिछ चुका है। हमारे पास पहले से यमुना एक्सप्रेसवे था। 2017 में जब हम आए थे, तब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे अपने अंतिम चरण में था। पिछले 7 वर्ष के अंदर हमने कई एक्सप्रेसवे बनाए हैं, जिसमें स्टेट गवर्नमेंट के साथ ही केंद्र सरकार ने भी सहयोग किया। इसमें दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, दिल्ली आगरा एक्सप्रेसवे शामिल है।

गंगा एक्सप्रेसवे के लिए इस सप्लीमेंट्री बजट में हमने धनराशि की मांग की है। हमारा प्रयास है कि प्रयागराज महाकुंभ 2025 में गंगा एक्सप्रेसवे को उससे पहले मेन कैरिजवे को तैयार करें और इसके लिए दिसंबर 2024 का टारगेट दिया है, ताकि महाकुंभ के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पूर्वी उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए एक बेहतरीन माध्यम मिल सके। इसके अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के साथ ही हम लोग चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे पर कार्य हो रहा है। शाहजहांपुर से फर्रूखाबाद होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एक नए एक्सप्रेसवे पर कार्य जल्द शुरू हो रहा है, जिसके लिए सर्वे पूरा हो गया है।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने की कार्यवाही को भी सरकार आगे बढ़ा रही है। इंटरस्टेट कनेक्टिविटी को फोरलेन की कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है, ताकि उत्तर प्रदेश आगंतुकों का स्वागत करता हुआ दिखाई दे। नेपाल की सीमा पर भारत-नेपाल मैत्री द्वार आगंतुकों का स्वागत करे, इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। अन्य राज्यों के साथ उत्तर प्रदेश और राज्य के मैत्री द्वार के रूप में उनका स्वागत किया जाए, इस कार्यवाही को हमने आगे बढ़ाया है।

योगी ने कहा कि हर जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय को फोर लेन और ब्लॉक मुख्यालय को टू लेन के साथ हम जोड़ सकें इस पर कार्य तेजी से हो रहे हैं या हो चुके हैं। वर्ल्ड क्लास हाइवे का निर्माण यहां हो रहा है। लखनऊ-कानपुर के बीच में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बन रहा है। वहीं, उत्तर प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी के लिए भी कार्य हुए हैं। अब तक हमारे 4 इंटरनेशनल एयरपोर्ट और 11 डॉमेस्टिक एयरपोर्ट क्रियाशील हैं और बहुत जल्द ही हम लोग 5वें इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में जेवर एयरपोर्ट को भी क्रियाशील करने जा रहे हैं।

यह एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में से एक होने जा रहा है जो उत्तर प्रदेश की इकॉनमी के लिए बहुत बड़ी बात होगी। उत्तर प्रदेश के अंदर हम लोगों ने वाटरवे का निर्माण भी किया है। वाराणसी से हल्दिया के बीच में वाटरवे सफलतापूर्क कार्य कर रहा है, तो अयोध्या से हल्दिया के बीच में वाटरवे के सर्वे की कार्यवाही को भी हम आगे बढ़ा रहे हैं। उत्तर प्रदेश उन राज्यों में है जिसने वाटरवे अथॉरिटी की स्थापना करके जलमार्गों की संभावनाओं को भी गति देने की कार्यवाही को अंजाम दिया है।

योगी ने कहा कि प्रदेश के अंदर बुंदेलखंड में हम बीडा का निर्माण करने जा रहे हैं। बीडा के लिए 36 हजार एकड़ लैंड में निर्माण हो रहा है। 46 वर्ष के बाद नोएडा की तर्ज पर एक नया औद्योगिक शहर बसाने की कार्यवाही और बुंदेलखंड क्षेत्र के कायाकल्प की दिशा में सरकार के प्रयास का यह हिस्सा है। दिल्ली और मेरठ के बीच रैपिड रेल शुरू हुई है। पहले दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी कम होने के बाद भी साढ़े तीन से चार घंटे का समय लगता था। आज 12 लेन का एक्सप्रेसवे भी हो गया और रैपिड रेल भी प्रारंभ हो गई है। अब यह दूरी 40 से 45 मिनट में पूरा की जा सकता है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर सीएम योगी ने कहा कि एफडीआई की पॉलिसी के साथ ही हमने 27 सेक्टोरल पॉलिसी भी बनाई हैं। एमएसएमई के जो उत्पाद हैं उसकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग के लिए इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन भी गत वर्ष से हम कर रहे हैं। परंपरागत उत्पादों के लिए ओडीओपी की भी योजना लेकर आए हैं। हस्तशिल्पियों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत उनकी ट्रेनिंग कराई जा रही है। उनको प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोड़ने के साथ ही आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर करने की ओर कार्य हुआ है। निजी क्षेत्र में भी औद्योगिक पार्क का निर्माण हो, इसके लिए 11 प्लेज पार्क के निर्माण की कार्यवाही को हम स्वीकृति दे चुके हैं। रेडीमेड गारमेंट्स के लिए एक नई योजना के साथ ही लखनऊ-हरदोई के बीच में पीएम श्री टेक्सटाइल पार्क के निर्माण की कार्यवाही हो रही है, जो लगभग 1 हजार एकड़ क्षेत्र में निर्मित होने जा रही है।

इसमें अत्याधुनिक टेक्सटाइल तकनीक का उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर ओडीओपी की योजना को प्रोत्साहित करने का परिणाम यह है कि 2017 के पहले यह दम तोड़ रहा था उसकी कोई ब्रांडिंग नहीं थी, कोई प्रोत्साहन नहीं था। आज हमने उसको प्रोत्साहित किया है। इसी का परिणाम है कि पहले उत्तर प्रदेश का जो एक्सपोर्ट मात्र 86 हजार करोड़ था वो आज बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपए से ऊपर का हुआ है। ये बताता है कि एक सही दिशा में सरकार के कदम आगे बढ़े हैं।

योगी ने बताया कि प्रदेश में फरवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट किया था। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान और बाद में हमारे पास कुल मिलाकर 40 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हुए। ये निवेश के प्रस्ताव यदि आगे बढ़ते हैं तो इससे लगभग सवा करोड़ से अधिक नौजवानों को नौकरी प्राप्त होती है। फरवरी 2024 में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी को संपन्न किया गया, जिसमें दस लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ। पिछले सात वर्ष के अंदर लगभग 16 से 20 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने में सफलता प्राप्त हुई है। लगभग 60 लाख से अधिक नौजवानों को रोजगार से जोड़ने में मदद मिली है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के बाद से अब तक एक लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं ने प्रोडक्शन प्रारंभ किया है।

यह इस बात का संकेत है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एक बेहतरीन पहल हुई है और इसका लाभ हमारा उद्यमी ले रहा है और इसके माध्यम से प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों को रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है। प्रदेश को डाटा सेंटर हब के रूप में, लखनऊ को एआई सिटी के रूप में स्थापित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश इनोवेशन फंड के गठन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासकीय कार्यालयों के साथ साथ ग्राम पंचायतों में भी वाई फाई की सुविधा उपलब्ध करा सकें, ई ऑफिस की प्रणाली को विकसित कर सकें, नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी के तहत निवेशकों को इंसेंटिव प्राप्त हो सके, इसके लिए भी हमने इस अनुपूरक बजट में प्राविधान किया है।