चुनावी ‘धांधली’: न्यायिक आयोग बनाने के लिए इमरान ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करके देश में गत आठ फरवरी को हुए आम चुनावों के तरीके और प्रक्रिया की ‘जांच, ऑडिट और परीक्षण’ के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन का अनुरोध किया। विभिन्न आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद अदियाला जेल में बंद श्री खान ने ‘चुनाव परिणामों में हेरफेर और धोखाधड़ी’ के बाद उनकी पार्टी और अन्य द्वारा लगाए गए धांधली के आरोपों के आलोक में यह याचिका दायर की है।
पीटीआई संस्थापक की ओर से वरिष्ठ वकील हामिद खान द्वारा दायर याचिका में आग्रह किया गया, “शीर्ष अदालत एक न्यायिक आयोग का गठन करे। इस आयोग में किसी के प्रति कोई पूर्वाग्रह न रखने वाले सेवारत एससी न्यायाधीश शामिल हों जो ‘जांच, ऑडिट और पूरी प्रक्रिया की जांच करें। आठ फरवरी 2024 के आम चुनाव और उसके बाद हुए घटनाक्रम में झूठे और कपटपूर्ण परिणामों को संकलित करके विजेताओं को हारे हुए और हारने वालों को विजेता बना दिया गया।
श्री खान ने अपनी याचिका में प्रार्थना की कि न्यायिक आयोग की जांच के नतीजे सार्वजनिक होने तक ‘संघीय और पंजाब स्तर पर सरकारें बनाने के सभी परिणामी कार्यों को तुरंत निलंबित कर दिया जाए। याचिका में कहा गया,“यह भी प्रार्थना की जाती है कि राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में, उसके चुनावी जनादेश और संवैधानिक वितरण के लिए आवश्यक आदेशों, निर्देशों और राहतों सहित सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। याचिका में सरकार, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) सभी को प्रतिवादी नामित किया गया है।
याचिका के अनुसार,“आम चुनावों में ‘खुले तौर पर धांधली’ हुई और उनके परिणामों में ‘हेरफेर’ किया गया। इसमें कहा गया,“कथित तौर पर चुने गए और विधानसभाओं में लौटे लोगों को धोखाधड़ी के माध्यम से राज्य के अधिकार का प्रयोग करके जनता के विश्वास का उल्लंघन किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि देश के संविधान ने पाकिस्तान में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए ईसीपी पर भारी जिम्मेदारी डाली है, लेकिन चुनावों में ‘बड़े पैमाने पर धांधली’ हुई और ‘चुनावकर्ताओं द्वारा नियुक्त रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) की मदद से हेरफेर किया गया।
याचिका में कहा गया,“यह संविधान के अनुच्छेद 218, 219 और संबंधित प्रावधानों में दिए गए अपने कर्तव्यों को निभाने में विफल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप आठ फरवरी 2024 को हुए चुनावों में प्रतिवादी नंबर दो और सभी द्वारा नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) के माध्यम से बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। साथ ही देखभाल करने वाली सरकारें मतदाताओं के साथ इस धोखाधड़ी का हिस्सा थीं। गौरतलब है कि पाकिस्तान में आम चुनाव के आयोजन के बाद से कई राजनीतिक दलों के साथ-साथ स्वतंत्र उम्मीदवारों ने मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं जो पिछले महीने देश भर में आयोजित की गई थी। कई विरोध प्रदर्शनों और रैलियों का नेतृत्व उन राजनीतिक दलों और राजनेताओं ने किया जो परिणामों से संतुष्ट नहीं थे जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन कार्यवाहक व्यवस्था के साथ-साथ चुनावी निकाय की ओर से ‘धांधली’ और ‘हेरफेर’ किया गया।