निशंक ने बाल सुरक्षा के लिए ऑनलाइन कार्यक्रम का शुभारंभ किया
नयी दिल्ली,
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने बाल सुरक्षा पर स्कूलों के शैक्षणिक के साथ-साथ गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की संवेदनशीलता की महत्ता के मद्देनजर एक ऑनलाइन कार्यक्रम लांच किया है। डॉ. निशंक ने मंगलवार को स्कूलों के शैक्षणिक के साथ-साथ गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए अडॉप्ट-सीएसएस (ए डिजिटल ऑनलाइन प्रोग्राम फॉर टीचिंग एंड नॉन-टीचिंग स्टाफ ऑन चाइल्ड सेफ्टी एंड सिक्योरिटी) कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कहा, “बाल सुरक्षा पर स्कूलों के शैक्षणिक के साथ-साथ गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की संवेदनशीलता का एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने भी अतीत में उजागर किया है।
शिक्षा मंत्रालय ने इस आशय के दिशानिर्देश भी जारी किए थे। यह जानकर खुशी होती है कि एनसीपीसीआर ने लगभग 15 मंत्रालयों और एजेंसियों से बाल सुरक्षा दिशानिर्देशों का संकलन किया और एक मैनुअल बनाया है । यह भी सराहनीय है कि आरएमपी ने अब इस मैनुअल के आधार पर एक डिजिटल पाठ्यक्रम बनाया है। इस तरह की पहल निश्चित रूप से स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।” उन्होनें कहा कि इस तरह के पाठ्यक्रम से स्कूल सुरक्षा और सुरक्षा के उपायों की निगरानी में उनकी भूमिका के बारे में विभिन्न हितधारकों को संवेदनशील बनाया जाएगा, ताकि स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित हो सके। ऑनलाइन कार्यक्रम शिक्षा विभागों, शैक्षिक बोर्डों, स्कूलों, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के साथ-साथ छात्रों के लिए एक व्यापक दिशानिर्देश के रूप में कार्य कर सकता है। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के चेयरमैन प्रोफेसर अनिरुद्ध देशपांडे, राज्य सभा सांसद डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के महानिदेशक रविंद्र साठे, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के कार्यकारी प्रमुख रवि पोखरना एवं तथा विद्यालयों के प्रशासक भी मौजूद थे