मान ने पंजाब में विदेशी निवेश के लिए उच्चायुक्तों के साथ की मैराथन मुलाकात
नयी दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को अलग-अलग देशों के राजदूतों के साथ बैठक की और राज्य में बड़े स्तर पर निवेश के बारे में चर्चा की। राजदूतों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पंजाब को अपार संभावनाएं और मौकों का केंद्र बताते हुये उनको अपने-अपने देशों की कंपनियों के द्वारा राज्य में निवेश करने के लिए न्योता दिया। उन्होंने कहा कि देश के औद्योगिक केंद्र के तौर पर तेज़ी से उभर रहे पंजाब में निवेश करके कंपनियों को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में संपूर्ण भाईचारा, शान्ति और सदभावना जैसे मुख्य कारण ही राज्य के सर्वांगीण विकास और ख़ुशहाली का केंद्र हैं।
बाद में उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि विदेशी कंपनियों को अपने कारोबार फैलाने के लिए बढ़िया बुनियादी ढांचे, बिजली, हुनरमंद मानवीय साधनों और उत्तम औद्योगिक और काम-काज विधियों से लैस उचित माहौल से भरपूर लाभ लेना चाहिए। कंपनियों का स्वागत करते हुये उन्होंने कहा कि पंजाब में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नये विचारों और अनुसंधानों के लिए राज्य सरकार के दरवाज़े हमेशा खुले हैं। श्री मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पंजाब देश का औद्योगिक केंद्र बन कर उभरेगा।
आस्ट्रेलिया के राजदूत फिलिप ग्रीन के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने आस्ट्रेलिया और पंजाब दोनों की आर्थिक स्थिति को और मज़बूत करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में आपसी सहयोग की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में कृषि, खेल उद्योग, पशु-चारा, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में निवेश की भारी संभावना है। उन्होंने आस्ट्रेलियाई कंपनियों को राज्य में निवेश करने का न्योता देते हुये कहा कि यह आस्ट्रेलिया और पंजाब दोनों के लिए लाभदायक होगा।
ब्रिटेन के राजदूत एलेक्स एलिस के साथ मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में एग्री-फूड प्रोसेसिंग सैक्टर जैसे पोल्ट्री, सूअर पालन, वेल्यु एडिड डेयरी उत्पादों, फलों के जूस कनसनटरेट मैनुफ़ेक्चरिंग, आलू की प्रोसेसिंग, फूड पैकेजिंग और रैडी टू इट / कंफैकशनरी आइटमों के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह ब्रिटेन और पंजाब दोनों को फार्मास्यूटीकलज़, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्यौगिकी और रसायनिक क्षेत्रों में भी रणनीतक सांझ से लाभ हो सकता है। उन्होंने ब्रिटेन. विश्विद्यालयों को पंजाब में अपने कैंपस स्थापित करने का न्योता दिया। उन्होंने ब्राजील, स्पेन, मलेशिया और नीदरलैंड के राजदूतों से भी बात की।