भारत की सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक शक्ति का वाहक बने युवा राजनयिक : धनखड़
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को युवा राजनयिकों से भारत की सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक शक्ति का संदेश वाहक बनने का आह्वान करते हुए कहा कि वे मानवता के छठे हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। धनखड़ ने उप राष्ट्रपति निवास पर भारतीय विदेश सेवा के युवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें भारत की संस्कृति और सभ्यता की पूरी जानकारी रखनी चाहिए। युवा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक शक्ति विश्व में उचित स्थान प्राप्त कर सके।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत को वैश्विक परिदृश्य में अभूतपूर्व स्थान और सम्मान प्राप्त हो रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और देश निवेश और कारोबार का गंतव्य स्थल बन रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारत में एक नयी आशा की किरण दिखाई देती है। धनखड़ ने कहा कि विश्व समुदाय में भारत का विशेष स्थान है। भारत सरकार की ओर से आने वाले किसी भी सुझाव को सबसे शक्तिशाली देश गंभीरता से लेटे हैं। कूटनीति की बारीकियों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों से भारत की संस्कृति, सभ्यतागत लोकाचार और पृष्ठभूमि के बारे में पूरी तरह से अवगत होने का आह्वान किया क्योंकि ये देश को वैश्विक मंच पर अद्वितीय बनाते हैं।