मोदी ने राष्ट्रीय गंगा परिषद बैठक की अध्यक्षता की
नयी दिल्ली/कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोलकाता में राष्ट्रीय गंगा परिषद (एनजीसी) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की जिसमें पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के शीर्ष नेतृत्व के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया। श्री मोदी अपनी माँ के निधन के कारण इस बैठक में साक्षात उपस्थित नहीं हो सके और इसमे वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुविधा के जरिए भाग लिया। इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंश शेखावत के अलावा परिषद के सदस्य अन्य केंद्री मंत्रियों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया। बिहार का प्रतिनिधित्त उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया। राष्ट्रीय गंगा परिषद को गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण निवारण और कायाकल्प के अधीक्षण के लिए समग्र जिम्मेदारी दी गई है। नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा जून 2014 में राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण, संरक्षण और कायाकल्प के प्रभावी उन्मूलन के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ ‘फ्लैगशिप प्रोग्राम’ के रूप में अनुमोदित किया गया है। प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि इस कार्यक्रम के सुपरिणाम आने लगे हैं तथा गंगा नदी में कछुए और मछलियों की संख्या में वृद्धि के साथ जैव विविधता बढ़ी है। नमामि गंगे पहल को संयुक्त राष्ट्र (यूएन)ने पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए चल रही दुनिया की शीर्ष 10 परियोजनाओं के रूप में मान्यता दी है। इससे पहले श्री मोदी ने इससे पहले कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जिनमें भारतीय रेलवे और कोलकाता मेट्रो रेल की परियोजनाएं शामिल हैं। इसी कार्यक्रम में श्री मोदी ने कहा, ‘ मुझे बताया गया है कि अभी आदि गंगा नदी की स्थिति दुर्भाग्य से बहुत खराब है। इसमें जो कूड़ा-कचरा गिरता है, सीवर का गंदा पानी गिरता है, उसकी सफाई के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।’ प्रधानमंत्री ने सुबह के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, “ नमामि गंगे मिशन के तहत पश्चि᠋म बंगाल में सीवरेज के 25 से ज्यादा परियोजनओं को मंजूरी दी गई है। इनमें से 11 पूरी हो चुकी हैं और 7 परियोजनाएं आज पूरे हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आज डेढ़ हजार करोड़ की लागत से पांच नयी परियोजनाओं पर काम भी शुरू हो रहा है। श्री मोदी ने कहा, ‘ आने वाले 10-15 साल बाद की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए देश में आज ही आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाए जा रहे हैं। आजादी के अमृतकाल में हमें भविष्य की सोच के साथ देश को आगे ले जाना है।