जेईई और नीट परीक्षाओं में भाग लेने वालों के लिए एक इंजीनियर अवनीश मसीहा बन कर उभरा
लखनऊ,
कोविड वक्त में हो रही जेईई और नीट परीक्षाओं में भाग लेने वालों के लिए एक इंजीनियर मसीहा बन कर उभरा है. तकरीबन आधा दर्जन जिलों के परीक्षार्थियों को आश्वस्त किया गया है कि वो बेफिक्र होकर अपनी तैयारियों में जुटें, परीक्षा सेन्टर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उन्होंने और उनके जैसे कुछ इंजीनियर-डॉक्टर दोस्तों ने थाम ली है.
इसके लिए बाकायदा इंजीनियर अवनीश और उनके साथियों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ रखा है. जेईई और नीट में भाग लेने वाले छात्रों को कहा जा रहा है कि अगर उन्हें लगता है कि कोविड की मुश्किलों के चलते वो परीक्षा सेंटर तक नहीं पहुंच सकेंगे तो बेफिक्र होकर प्रारम्भिक जरूरी जानकारी दी गयी वेबसाइट पर डाल दें, टीम का कोई साथी उनके दिये गये नम्बर और पते पर सम्पर्क कर लेगा और सेन्टर तक लाने और ले जाने की जिम्मेदारी उठा लेगा.
इस मिशन को लीड कर रहे इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह कहते हैं, *“ मुझे अपने पुराने दिन याद हैं कि किस तरह इंजीनियरिंग परीक्षाओं के लिए मैं और दूसरे साथी दिन-रात जूझा करते थे. आज कई साथी विदेशों में हैं, बड़ी कम्पनियों में हैं. मैं जरा सोशल था तो राजनीति में आ गया. इन्हीं पुराने साथियों से बातचीत में दरअसल इस तरह का कुछ करने का विचार आया, जो सबके सहयोग से हकीकत में बदल चुका है.”*
दरअसल, इंजीरियरिंग में दाखिले के लिए आईआईटी-जेईई और मेडिकल की पढ़ाई में दाखिले के लिए नीट परीक्षा एक लम्बे विवाद के बाद भी नहीं टली. सुप्रीम कोर्ट ने भी परीक्षा कराने के फैसले को सही ठहराया. हजारों आशंकाओं को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने आईआईटी-जेईई की परीक्षा तो 1 से 6 सितम्बर के बीच कुशलता से सम्पन्न करा दी है. अब 13 सितम्बर को मेडिकल में दाखिले के लिए नीट परीक्षा होनी है.
अवनीश के करीबी मित्र इंजीनियर आलोक वर्मा कहते हैं, *“ जेईई के दौरान हमने जो जिम्मेदारी ली थी उसे पूरा किया. हमारी वेबसाइट पर जो छात्र रजिस्टर्ड थे उन्हें समय पर परीक्षा केन्द्र पहुंचा दिया गया और वापस घर पर भी हम उन्हें सुरक्षित माहौल में ले आये. दरअसल, हम सभी साथी चाहते थे कि संसाधन के अभाव में किसी की भी परीक्षा न छूटे.”*
यह जिम्मेदारी ओढ़ना इतना भी आसान नहीं था. ‘हम आपके साथ हैं!’ मिशन को चलाने से पहले सभी भूले-बसरे साथियों से फिर से सम्पर्क हुआ. कोविड-19 की मुश्किलों और साथ की जरूरतों पर लम्बी बात चीत हुई. इसके लिए जूम सरीखे एप्प पर व्यापक विचार विमर्श हुआ. और फिर हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, प्रतापगढ़ और लखनऊ जिलों को टार्गेट किया गया. इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह दरअसल भाजपा अवध क्षेत्र के उपाध्यक्ष भी हैं, ऐसे में वो इन इलाकों के लोगों और गलियों-गावों से भली भांति वाकिफ भी थे लिहाजा इन इलाकों पर फोकस करना तय हुआ.
जेईई में मिशन को कामयाब करने के बाद अब तो टीम और भी जोश में है, आप भी मेडिकल की नीट परीक्षा देने जा रहे हैं और आवाजाही में दुश्वारी महसूस कर रहे हैं तो बेहिचक सम्पर्क कर सकते हैं.