कैलाश सत्यार्थी के संगठन ने आयोजित किया ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के लिए कार्यक्रम
नयी दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के तहत राजधानी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने राष्ट्रीय राजधानी में बाल विवाह को लेकर चिंता जताई। इन संगनों के इस कुप्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया है। केएससीएफ की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस अभियान के तहत सरकार से अपील की गई कि ‘बाल विवाह’ रोकने के लिए कानून का सख्ती से पालन करवाया जाए, जिससे ‘बाल विवाह’ की सामाजिक बुराई को खत्म किया जा सके। बयान के अनुसार 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 84,277 लोगों का बाल विवाह हुआ है जो कि देश के बाल विवाह का करीब एक प्रतिशत है और कहा बाल विवाह के मामले में दिल्ली 19वां स्थान है। इस संबंध में केएससीएफ ने दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग, महिला एवं बाल विकास विभाग और दिल्ली सरकार के साथ मिलकर विश्व युवा केंद्र, चाणक्यपुरी में एक सम्मेलन का आयोजन किया जिसमे ‘बाल विवाह’ के पूर्ण खात्मे को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ।
दिल्ली सरकार की बाल सुरक्षा इकाई की सहायक निदेशक योगिता गुप्ता ने इस सामाजिक बुराई पर चिंता जताते हुए कहा, ‘बाल विवाह बच्चों के सपनों व भविष्य को खत्म कर देता है और शिक्षा ही एकमात्र विकल्प है जो बच्चों को इस बुराई से बचा सकता है। इस सम्मेलन में दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य रंजना प्रसाद, बुराड़ी से विधायक संजय झा, उत्तर प्रदेश की पूर्व डीजीपी सुतापा सान्याल, बाल मित्र मंडल की बाल नेता निशा, दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. धनंजय जोशी, भारतीय स्त्री शक्ति की नैना सहस्रबुद्धे, संसद टीवी के सीनियर एंकर मनोज वर्मा और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक राकेश सेंगर समेत अनेक गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं।