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सहकारी समितियों को जीईएम पोर्टल से जोड़ने को मंत्रिमंडल की मंजूरी

नयी दिल्ली़,

सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पंजीकृत सहकारी समितियों को सरकारी खरीद पोर्टल जीईएम से जोड़ने का निर्णय लिया है जिससे उनकी कार्य दक्षता तथा कारोबार बढेगा और पारदर्शिता आएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अब तक इस पोर्टल से कई क्षेत्रों में लोगों का कल्याण हुआ है और अब इसका फायदा सहकारी संस्थाओं को भी मिलेगा। इस पोर्टल को परिवर्तनकारी बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से छोटे से छोटा कारोबारी भी बड़े से बड़ा काम कर सकता है। उनका कहना था कि पहले सिर्फ तीन हजार लोग सरकारी खरीद का लाभ पाते थे लेकिन जीईएम पोर्टल आने के बाद इस खरीद से जुड़ने वाले लोगों की संख्या बढकर 41 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से 8 लाख 54 हजार पंजीकृत सहकारी समितियों और उनके 27 करोड़ सदस्यों को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल पर 106 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद हुई है।


इस पोर्टल के माध्यम से बचत संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि पोर्टल के माध्यम से न सिर्फ लोगों का कारोबार बढेगा बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी। जीइएम पोर्टल के कारण अब टेंडर प्रक्रिया भी सरल हुई है और इसमें ज्यादा लोग जुड़े हैं तथा इससे बचत होने के साथ ही पारदर्शिता भी बढी है।  ठाकुर ने कहा कि सरकार ने 9 अगस्त 2016 को इस पोर्टल की शुरुआत की थी और अब इसके जरिए ही सारी सरकारी खरीद की जा रही है। सभी समितियों को खरीदार के रूप में इस पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करना होगा। उनका कहना था कि इस पोर्टल से सहकारिता मंत्रालय के साथ विचार विमर्श करके समय पर भुगतान जैसी सुविधाएं भी सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन ने देश के वंचित लोगों के विकास में अहम भूमिका निभाई है और इससे इस वर्ग को खासकर कृषि, बैंकिंग तथा आवासीय क्षेत्र में लाभ मिला है।

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