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दीवाली से पहले दुनिया को मथेंगे मोदी

नयी दिल्ली,

दीपावली के एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेशी कार्यक्रमों की अति व्यस्त श्रृंखला में वह विश्व भर के प्रमुख नेताओं से मुलाकातों तथा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कोविड पश्चात विश्व की आर्थिक रूपरेखा में भारत की महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करेंगे और विकासशील देशों की न्यायसंगत आवाज को बुलंद करेंगे। मोदी बुधवार को 16वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और गुरुवार को 18वें आसियान भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल रूप से भाग लेकर हिन्द प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक साझीदारी को धार देंगे। जबकि 29 अक्टूबर से दो नवंबर तक इटली एवं ब्रिटेन की यात्रा पर जाएंगे जहां वह क्रमश: जी-20 शिखर बैठक तथा जलवायु परिवर्तन पर पक्षकारों के सम्मेलन (कॉप 26) में शिरकत करने के अलावा इटली एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों सहित विभिन्न वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार सोलहवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान के दस सदस्य देशों -म्यांमार, थाईलैंड, फिलीपीन्स, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, लाओस, कंबोडिया एवं विएतनाम के अलावा अमेरिका, भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के नेता भाग लेंगे। हिन्द प्रशांत क्षेत्र में इस प्रमुख कूटनीतिक समूह में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, कोविड सहयोग सहित क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय हितों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। मानसिक स्वास्थ्य, पर्यटन एवं हरित तकनीक के माध्यम से आर्थिक रिकवरी पर घोषणापत्र जारी किये जाएंगे जिन्हें तैयार करने में भारत की भी अहम भूमिका है। जबकि 28 अक्टूबर को अट्ठारहवें आसियान भारत सम्मेलन में भारत एवं आसियान के बीच रणनीतिक साझीदारी की समीक्षा की जाएगी तथा कोविड महामारी एवं स्वास्थ्य, व्यापार एवं वाणिज्य, कनेक्टिविटी और शिक्षा एवं संस्कृृति के क्षेत्रों में सहयोग में प्रगति का जायजा लिया जाएगा। महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों खासकर महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी के बारे में भी विचार मंथन किया जाएगा।


विदेश मंत्रालय के अनुसार श्री मोदी इसके बाद यूरोप की यात्रा पर रवाना हो जाएंगे। यात्रा के पहले चरण में वह 29 से 31 अक्टूबर तक इटली में रहेंगे जहां वह 30 और 31 अक्टूबर को होने वाले जी-20 शिखर बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में सदस्य देशों, यूरोपीय संघ के नेता तथा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। कोविड महामारी के बाद जी-20 की यह पहली प्रत्यक्ष बैठक होगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रमुख इंजन माने जाने वाले इस समूह की यह आठवीं बैठक होगी जिसकी थीम ‘पीपुल, प्लानेट, प्रॉस्पैरिटी’ यानी लोग, धरती एवं समृद्धि है जिसमें चार विषयों पर विचार मंथन किया जाएगा। पहला -महामारी के बाद रिकवरी एवं वैश्विक स्वास्थ्य प्रशासन का सशक्तीकरण, दूसरा- आर्थिक रिकवरी एवं सातत्य, तीसरा – जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा परावर्तन तथा चौथा – सतत विकास एवं खाद्य सुरक्षा। विदेश मंत्रालय के अनुसार रोम में श्री मोदी इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रुगो सहित विभिन्न नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। श्री मोदी 31 अक्टूबर को ब्रिटेन जाएंगे और स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक जलवायु परिवर्तन पर पक्षकारों के 26वें सम्मेलन के दौरान एक एवं दो नवंबर को विश्व नेताओं की बैठक में भाग लेंगे। इस बार इस बैठक की मेज़बानी इटली एवं ब्रिटेन संयुक्त रूप से कर रहे हैं। इस बैठक में 120 से अधिक देशों के शासनाध्यक्ष शामिल होंगे। यह बैठक वर्ष 2020 में होनी थी लेेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
बैठक में पक्षकार देश पेरिस समझौते के कार्यान्वयन के दिशानिर्देशों की पूर्णता, जलवायु वित्तपोषण, जलवायु संरक्षण के कदमों, प्रौद्योगिकी विकास एवं हस्तांतरण तथा पेरिस समझौते के तापमान वृद्धि रोकने संबंधी लक्ष्यों की प्राप्ति को व्यवहार्य बनाने के बारे में सहमति कायम करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्री मोदी इस दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन तथा कई अन्य विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज़ ट्रूस श्री मोदी की यात्रा की तैयारी के सिलसिले में पिछले दिनों भारत की यात्रा पर यहां आयीं थीं।

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